…तो जापान की कंपनीयाँ ब्रिटन से बाहर जायेंगी – ‘ब्रेक्झिट’ मुद्देपर जापान का ब्रिटन को इशारा

लंदन / टोकियो: ‘ब्रेग्जिट’ करार की वजह से ब्रिटेन में जापानी उद्योजको के सामने बाधाएं बढ़ रही है एवं उनका नुकसान होनेवाला है, तो इस पृष्ठभूमि पर जापान की उद्योजक ब्रिटेन से बाहर जाएंगे, ऐसा कड़ा इशारा जापान ने दिया है। कुछ महीनों पहले ब्रिटेन में जापान और ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल की ब्रेग्जिट मुद्दे को लेकर बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री थेरेसा मे इनके सामने जापान ने आक्रामक भूमिका लेकर अपना पक्ष प्रस्तुत किया था। जापान की कंपनियोंने ब्रिटेन में लगभग ५६ अरब डॉलर का निवेश किया है और उसमें एक लाख नौकरियां जापानी उद्योग से जुड़े होने की बात मानी जा रही है।

जापान की उद्योजक

पिछले हफ्ते में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा में उनके निवास स्थान पर जापानी कंपनियों के प्रमुख एवं जापान के ब्रिटेन में स्थित राजदूत कोजी सुरुओका इनकी उपस्थिति में विशेष बैठक हुई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री मे इनके साथ मंत्रीमंडल के वरिष्ठ सहयोगी उपस्थित थे। उस समय प्रधानमंत्री में ने जापानी प्रतिनिधिमंडल के ब्रेग्जिट की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी एवं जापान के हितसंबंध सराहे जाएंगे, ऐसा आश्वासन दिया है। उसमें ब्रेग्जिट की वजह से यूरोपीय महासंघ से बाहर आने के बाद जापान के साथ मुक्त व्यापार करें जल्द ही संपन्न होंगे ऐसा दावा भी मैंने किया है।

पर जापानी कंपनियों के प्रमुख तथा राजदूत को भी सुरुओका रिजल्ट के बारे में होनेवाले अनिश्चितता का वातावरण लेकर ब्रिटिश नेतृत्व को पर निशाना साधा है। ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन में व्यापार से अगर योग्य लाभ नहीं मिलेगा तो जापानी नहीं और कोई भी निजी कंपनी ब्रिटेन में अपना व्यवसाय शुरू नहीं रखेंगे। इस मामले में सभी का अस्तित्व दांव पर लगा है और हर कोई इसका एहसास रखें, इन शब्दों में जापान के राजदूत ने ब्रिटेन को सूचित किया है।

जापान की उद्योजक

जापान ने ब्रेग्जिट के मुद्दे पर लगातार आग्रही भूमिका ली है और ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालने का प्रयत्न शुरू किया है। सन २०१६ में ब्रेग्जिट के बाद जापान ने ब्रिटिश वित्त व्यवस्था पर होने वाले परिणामों के बारे में स्वतंत्र रिपोर्ट प्रसिद्ध किया था। इसमें ब्रिटेन ने यूरोपीय महासंघ के सिंगल मार्केट बाजार से बाहर निकलने का निर्णय लेने पर जापानी उद्योगों को बड़े बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, ऐसा इशारा दिया था। इस रिपोर्ट के बाद जापानी उद्योग ने ब्रिटेन बाहर अपने कार्यालय एवं उपक्रम ले जाने की गतिविधियों को गति मिल रही है।

जापान की मित्सुबिशी युएफजे के अग्रणी के बैंक ने लंदन में व्यवसाय ऐम्स्टर्डैम शहर में संतुलित करने के संकेत दिए थे तथा नोमुरा, दायवा इनके जैसे कंपनियों ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में जाने की तैयारी शुरू की थी। इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स ने ब्रिटेन में कंपनियों को खींचने का प्रयत्न शुरू किया है और फ्रेंच विदेश मंत्री ने पिछले हफ्ते में जापान को भेंट देने की बात सामने आई है।

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