जापान ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यात्रा रद्द की – भारत के आक्रामक राजनयिक दांवों को सफलता

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्लामाबाद – ‘पुलवामा’ में हुए हमले के बाद भारत ने अपनाए आक्रामक राजनयिक दांवों का असर अधिक स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है| पाकिस्तान के विदेश मंत्री शहा महमूद कुरेशी २७ फरवरी के दिन जापान की यात्रा करना तय था| लेकिन, जापान ने इनकी यह यात्रा आगे करने की सूचना की है| पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस संबंधी जानकारी स्पष्ट की है| साथ ही पश्‍चिमी देशों में पाकिस्तान के दूतावास के सामने अनिवासी भारतीय प्रदर्शन कर रहे है और पाकिस्तान यानी ‘टेररिस्तान’ होने की जोरदार घोषणा कर रहे है|

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की जापान यात्रा आगे करने की जानकारी इस देश के विदेश मंत्रालय ने दी| लेकिन यह यात्रा आगे कब होगी, यह जानकारी स्पष्ट नही की गई है| इस वजह से पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढता स्पष्ट रूप में दिख रहा है| जापान ने इसके पहले ही आतंकवाद के विरोध में अपनी भूमिका स्पष्ट की थी| पुलवामा में हुए हमले के बाद हम भारत के साथ खडे है, यही जापान ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा रद्द करके दिखाया है|

साथ ही अनिवासी भारतीयों ने भी पुलवामा में हुए हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार होने का आरोपर करके पाकिस्तान के दूतावासों के सामने प्रदर्शन करना शुरू किया है| अमरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया में भी पाकिस्तान यह आतंकवादी देश है, ऐसी घोषणा इन देशों में रहनेवाले भारतीयों ने दी है|

पाकिस्तानी दूतावास के सामने हुए इन प्रदर्शनों का बडा असर दिखाई दे रहा है और इससे पाकिस्तान की बदनामी हुई दिखाई दे रहा है|

ब्रिटेन में लंदन में, अमरिका के टेक्सास, ऑस्टिन, दलास, सैन एंटोनिओ और ह्युस्टन इन शहरों में भारतीय नागरिकों ने पाकिस्तान के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किए| साथ ही अमरिका के न्यूयॉर्क और शिकागो में पाकिस्तान की दूतावास के बाहर भारतीय समुदाय ने पुलवामा हमले का विरोध दर्ज किया| इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘वंदे मातरम्’ का जयघोष भी किया| न्यूयॉर्क में इन प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के दूतावास की इमारत में घुंसने की कोशिश की| लेकिन, न्यूयॉर्क पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को रोक दिया|

शिकागो में चीन की दूतावास को भी भारतीयों के क्रोध का झटका मिला| मौलाना मसूद अजहर पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई रोकने के लिए चीन ने नकाराधिकार का इस्तेमाल किया था| इसकी याद रखकर भारतीयों ने चीन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया| साथ ही अमरिका के अटलांटा, जॉर्जिया, कैलिफोर्निया के अलावा अन्य राज्यों में पुलवामा में हुए हमले में शहीद हुए जवानों की याद में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था|

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