जम्मू-कश्मीर में जवानों पर होने वाले पथराव के पीछे ‘आयएसआय‘ : पुलिस महासंचालक का आरोप

जम्मू, दि. ३० : ‘मुठभेड़ चलते समय जवान और पुलिस भी बुलेटफ्रुफ गाड़ियों और घरों में पनाह लेते हैं| बंदूक से छूटनेवाली गोली किसी का भी परिचय प्राप्त करके काम नहीं करती| मुठभेड़ की जगहों पर आनेवाले युवा खुदकुशी कर रहे हैं| इसके लिए राज्य में युवाओं को अपना संकुचित राजनीतिक हेतु साध्य करने के लिए कुछ लोगों द्वारा उकसाया जा रहा है’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महासंचालक एस. के. वेद ने युवाओं को मुठभेड़ से दूर रहने की सलाह दी|

पुलिस महासंचालकतीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में मुठभेड़ शुरू रहते समय, सुरक्षाकर्मी जवानों पर बड़े पैमाने पर पथराव हुआ था| इसमें ६४ जवान घायल हुये थे| सुरक्षाकर्मियों ने की हुई जवाबी हमले की कार्रवाई में, पथराव करनेवाले तीन लोग घायल हुये थे| इसी पृष्ठभूमि पर, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महासंचालक एस.के.वेद ने कश्मिरी युवाओं को मुठभेड़ की जगह से दूर रहने की सलाह दी| इन युवाओं को गुमराह किया जा रहा है| उन्हें उकसाया जा रहा है| गुप्त जानकारी, रिकॉर्ड किया संदेश सोशल मीडिया में ग्रुप्स से संदेश का आनजाना इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ है यह स्पष्ट होता हैं, ऐसा एस. के. वेद ने कहा|

पथराव करने के लिए, मुठभेड़ शुरू रहे जगहों पर जाने का संदेश जिस सोशल मीडिया ग्रुप से भेजा जा रहा है, उसपर कड़ी निगरानी रखी जा रहीं है, ऐसा भी पुलिस महासंचालक वेद ने स्पष्ट किया| इसमें कुछ ग्रुप्स पाकिस्तान से हैंडल हो रहे हैं| जिस समय किसी जगह पर मुठभेड़ शुरू होती है, वहीं पर इस तरह के करीब ३०० सोशल मीडीया ग्रुप सक्रिय हो जाते हैं| हरएक ग्रुप में कुल ढाई सौ सदस्य रहते हैं| इसके द्वारा कश्मीरी युवाओं को, मुठभेड़ चल रहीं जगहों की जानकारी देकर उन्हें वहाँ जाकर पथराव करने के लिए उकसाया जाता है, ऐसी जानकारी जम्मू-कश्मीर के पुलिस महासंचालक ने दी|

अलगाववादी अपने फायदे के लिए इन युवाओं का सिर भड़काने का काम कर रहे हैं| मुठभेड़ की जगह पर पथराव करने के लिए अलगाववादी नेता अपने बच्चों को क्यों नहीं भेजते, ऐसा सवाल कश्मिरी युवाओं ने पूछने का समय आ गया है, ऐसा प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंग ने कहा है| साथ ही, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और समाज दोनों को भी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करनी पड़ेगी, जम्मू-कश्मीर के युवाओं को इस सच का एहसास कराना पड़ेगा, ऐसा सिंग ने कहा|

पिछले महीने सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने, मुठभेड़ के दौरान पत्थर फेंककर रूकावटें पैदा करनेवालों पर देशद्रोहियों की तरह कार्रवाई की जायेगी, ऐसी चेतावनी दी थी| एक मुठभेड़ के दौरान ऐसे पत्थर फेंके जाने का फ़ायदा उठाकर एक आतंकवादी भाग गया था| साथ ही, इस मुहिम में शामिल सेना अधिकारियों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी| इसके बाद सेनाप्रमुख ने यह तीखी प्रतिक्रिया दी थी| इसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने, ‘मुठभेड़ की जगहों से जनता दूर रहें’ ऐसी ‘ऍडव्हायजरी’ जारी की थी|

इसी दौरान, पत्थर फेंकने वाले एक कश्मीरी युवक का ‘स्टिंग ऑपरेशन’ सामने आया है| पत्थरबाज़ी करने के लिए यहाँ के युवाओं को पाँचसौ से पाँच हज़ार रुपये दिये जाते हैं| इसके अलावा कपड़ें, बूट भी दिये जाते हैं| यह पैसा हमें कुछ लोग लाकर देते हैं| कहाँ पत्थरबाज़ी करनी है, यह सूचना भी सोशल मीडीया द्वारा दी जाती है| यदि पुलिस ने पकड़ा, तो हम इसके बारे में किसी को बोलते नहीं| साथ ही, पत्थरबाज़ी के बाद कुछ दिनों तक घर पर भी जाते नहीं, ऐसी स्वीकृति पत्थरबाज़ी करनेवाले एक युवा ने स्टिंग ऑपेरशन के दौरान दी हुई दिखायी दे रही है|

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