जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप पर हमला; अधिकारी और दो जवान शहीद; दो आतंकवादी ढेर

श्रीनगर, दि. २७: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैंप पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने किये हमले में सेना का कैप्टन और दो जवान शहीद हुए| मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये हैं और एक आतंकवादी फ़रार हुआ है| इसके बाद बड़े पैमाने पर खोज मुहिम हाथ में ली गई है| मारे गये आतंकवादी ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के थे और सीमा पर तार का बाड़ काटकर इन आतंकवादियों ने घुसपैठ करने की बात सामने आयी है|

गुरुवार तड़के समय ठीक चार बजे उत्तर कश्मीर के पंजगाम में सेना कैंप को आतंकवादियों ने लक्ष्य बनाया| अंधाधुंद गोलीबारी करके आतंकवादियों ने सेना के कैंप में घुसने की कोशिश की| कैंप में घुसकर भीषण उत्पात मचाने की सा़ज़िश आतंकवादियों ने रची थी| लेकिन कैंप के द्वार के पास सतर्क जवानों ने आतंकवादियो को समय पर ही रोका| आतंकवादियों की गोलाबारी में सात जवान घायल हुए| लेकिन जवानों की कार्रवाई में दो आतंकवादी ढेर हुए| लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर एक आतंकवादी के फरार होने की आशंका जतायी जा रही है|

आतंकवादियों की गोलाबारी में घायल हुए सात जवानों में से तीन जवानों वीरगति को प्राप्त हुए| इसमें कैप्टन आयुष यादव का समावेश है| घायलों को हेलिकॉप्टर्स द्वारा सेना के रुग्णालय में लाकर उनपर इलाज शुरू किया गया है| इस इलाके में बड़े पैमाने पर जाँचमुहिम हाथ में ली गई है| लेकिन इस जाँचमुहिम में अलगाववादी समर्थकों ने रुकावट पैदा करने की कोशिश की| सेना कैंप से कुछ ही दूरी पर जाँच मुहिम के शुरु रहते अलगाववादियों ने जवानों पर पथराव किया|

९ अपैल को जम्मू-कश्मीर में उपचुनाव संपन्न हुआ| इस मौके का फ़ायदा उठाकर अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में पुनः अशांति फैलाने की एक साज़िश रची थी| इसके बाद उत्तर कश्मीर में छह जिलों में शुरू हुए हिंसक निदर्शन अभी तक रूके नहीं हैं| इसी दौरान, जम्मू-कश्मीर में दो राजनीतिक नेताओं की हत्या हुई है| साथ ही, जम्मू-कश्मीर में पुलिसों के घरों पर हमले शुरू हुए हैं| इसी वजह से पैदा हुई अस्थिरता का लाभ उठाकर आतंकवादी इस राज्य में बड़ा घातपात करने की तैयारी में हैं|

गुरुवार को हुआ आतंकवादी हमला इस साजिश का ही हिस्सा था| आतंकवादी हमला हुए पंजगाम का कैंप नियंत्रणरेखा से कुछ ही दूरी पर है|
इस हमले के बाद देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएँ आयी हैं| भारतीय सेना पर हमला करनेवाले तथा जम्मू-कश्मीर में अलगावावदियों को बहकाने वाले पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब देने की माँग देशभर से की जा रही है| इसके आगे, आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत के साथ अघोषित युद्ध पुकारने वाले पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकती करने पर मजबूर करें, ऐसी माँग सभी जगहों से की जा रही हैं| देश की मीडिया में भी इसका प्रतिबिंब दिखाई दे रहा है|

 जम्मू-कश्मीर में घातपात के लिए आतकंवादी संगठनाओं की मिलीभगत

नई दिल्ली, दि. २७ (वृत्तसंस्था): ‘जम्मू-कश्मीर में कार्यरत रहे कई पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन एकसाथ आकर हमलें कर रहे हैं| इसके कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की तीव्रता ब़ढ़ी है| इस मामले में कुछ वीडियों और फोटोग्राफ्स भी सुरक्षा एजन्सियों के हाथ में लगे हैं|

पाकिस्तान में कार्यरत ‘युनायटेड जिहाद काऊंसिल’ के कुछ नेताओं ने, कश्मिरी आतंकवादियों को एकसाथ लेकर समन्वय के साथ आतंकवादी हमले करने का संदेश अपने समर्थकों को दिया है| इसके तहत ‘लश्कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’ और ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ जैसे संगठनों को एकसाथ लेकर जम्मू-कश्मीर में घातपात करने की योजना बनाई जा रही है| इसके कारण आतंकवादी संगठनाओं की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी, ऐसा ‘युनायटेड जिहाद काऊंसिल’ के आतंकवादियों का दावा है| इस वजह से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों को अपनी कार्रवाई में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं|

इस पृष्ठभूमि पर, जम्मू-कश्मीर के हालातों पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्त्वपूर्ण बैठक दिल्ली में संपन्न हुई| इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की रक्षा का जायज़ा लिया गया| साथ ही, जम्मू-कश्मीर में घोषित किए गए ८० हजार करोड़ रुपयों के पैकेज का तथा वहाँ के प्रकल्पों को के प्रवर्तन का भी गृहमंत्री ने जायज़ा लिया| विकासकामों को जल्द से जल्द पूरा करके, जम्मू-कश्मीर में कुछ लोंगों के मन में रही अनबन की भावना दूर करने के लिए कोशिश करने के आदेश इस वक्त गृहमंत्री ने दिये हैं|

 

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