जम्मू-कश्‍मीर पुलिस का नार्को टेररिज़म को झटका

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करनेवाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह को तहस-नहस किया। पुलिस ने इस मामले में ७ लोगों को गिरफ्तार किया है और इसमें वर्ष २००५ में दिल्ली में हुए बम विस्फोट में शामिल दो लोगों का समावेश है। पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठना ‘आयएसआय’ पंजाब और जम्मू-कश्‍मीर की सीमाओं से बड़ी मात्रा में भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रही है। इस नशीले पदार्थों की तस्करी से प्राप्त हो रहा पैसा भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता है। इस वजह से इस गिरोह की गिरफ्तारी ‘आयएसआय’ के नार्को टेररिज़म को लगा हुआ बड़ा झटका है।

नार्को टेररिज़म

जम्मू-कश्‍मीर के आर.एस.पुरा सेक्टर में बीते महीने से ३०० करोड़ रुपयों की ६२ किलो हेरॉईन जब्त की थी। इसके अलावा दो चीनी पिस्तौल और १०० बुलेट्स भी बरामद किए गए थे। तीन से चार पाकिस्तानी यह नशीले पदार्थ एवं हथियार लेकर भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच ‘बीएसएफ’ ने यह कार्रवाई करके नशीले पदार्थ बरामद किए थे। इस मामले की जाँच करते समय जम्मू-कश्‍मीर पुलिस इस गिरोह तक पहुँचने की जानकारी पुलिस ने साझा की।

नार्को टेररिज़म

यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है और इसे नार्को टेरर गैंग पाकिस्तान के लाहोर, सियालकोट एवं दुबई से चलाया जा रहा था। भारत में इस गैंग के प्रमुख गुरूप्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। वह पंजाब के तरण तारण ज़िले का निवासी है। आर.एस.पुरा के पुलिस अधिक्षक शबीर खान के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंज़ाम दिया गया। इस दौरान पकड़े गए सात में से दो लोग बीते महीने आर.एस.पुरा की भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नशीले पदार्थों का भंड़ार प्राप्त करने के लिए पहुँचे थे। लेकिन, बीएसएफ ने उनकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होते ही इशारा दिया और यह दोनों अंधेरे में भाग गए थे।

किसी भी तरह की जानकारी ना होने के बावजूद पुलिस इस गिरोह तक पहुँचने में सफल हुई। साथ ही इनमें से अन्य दो लोगों का संबंध वर्ष २००५ में दिल्ली में हुए बम धमकों से था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। इससे पहले इस गिरोह ने जम्मू-कश्‍मीर की सीमा से नशीले पदार्थों की कई बार तस्करी की है और इस गिरोह ने सितंबर में आर.एस.पुरा से ही ११ किलो हेरॉईन की तस्करी की थी।

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