जम्मू-कश्‍मीर को तालिबानी आतंक का खतरा नहीं – पूर्व लष्करी अधिकारियों का अनुमान

श्रीनगर – अफ़गानिस्तान तालिबान के कब्ज़े में जाने के बाद भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। तालिबान ने कश्‍मीर मसले से हमारे ताल्लुकात ना होने का ऐलान किया है। लेकिन, इतिहास पर गौर करें तो तालिबान जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को सहायता प्रदान करेगी, यह दावा कुछ पत्रकार एवं विश्‍लेषकों ने किया है। इस पृष्ठभूमि पर ‘जम्मू-कश्‍मीर में जो कोई प्रवेश करेगा, वह जीवित नहीं लौटेगा’, ऐसा कहकर भारतीय सेना ने तालिबान को संदेश दिया है। भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी भी जम्मू-कश्‍मीर को तालिबान के आतंक से खतरा नहीं होगा, यह अनुमान दर्ज़ कर रहे हैं।

तालिबानी आतंकवर्ष १९९६ से २००१ के दौरान अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत थी। इसी दौर में जम्मू-कश्‍मीर में आतंकवाद चरम स्तर पर जा पहुँचा। क्योंकि, इसके लिए पाकिस्तान को तालिबान का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ था। उन्हीं दिनों आतंकियों की हिंसा में काफी बड़ी बढ़ोतरी हुई थी। इसका दाखिला देकर अफ़गानिस्तान में फिर से तालिबान की हुकूमत स्थापित होने से कश्‍मीर असुरक्षित रहेगा, यह चिंता कुछ पत्रकार एवं विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इसका दाखिला देकर भारतीय सेना के लेफ्टनंट जनरल कंवल जीत सिंह ढ़िल्लों ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद जम्मू-कश्‍मीर के लिए खतरा निर्माण होने का बयान करके इस मुद्दे पर काफी कुछ बोला या लिखा जा रहा है। लेकिन, जम्मू-कश्‍मीर में भारतीय सेना ने ऐसी काफी गतिविधियों का सामना किया है। यहां पर घुसपैठ करनेवाला कोई भी जीवित नहीं लौटेगा, इन शब्दों में भारतीय सेना की तैयारी का अहसास लेफ्टनंट जनरल ढ़िल्लों ने कराया। इस वजह से भारतीय सेना तालिबान से उभरनेवाले खतरे का सामना करने की पूरी तैयारी में होने की बात दिख रही है।

इसी बीच, बीस वर्ष पहले की और अब की स्थिति काफी अलग है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके मौजूदा स्थिति में भारत को छेड़ने की भूल तालिबान नहीं करेगी, यह अनुमान भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी दर्ज़ कर रहे हैं। मौजूदा भारत की आर्थिक, राजनीतिक और लष्करी स्थिति में काफी बढ़ोतरी हुई हैं। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर की सीमा भी अधिक सुरक्षित हुई है। इसकी वजह से तालिबान आतंकी हरकतें करके भारत को चुनौती नहीं देगी। इसके दुष्प्रभावों का अहसास तालिबान यकीनन रखती होगी, ऐसा यह पूर्व सेना अधिकारी कह रहे हैं।

पाकिस्तान में मौजूद भारत द्वेषी गुट एवं पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी तालिबान को अफ़गानिस्तान में प्राप्त हुई सफलता के बाद आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत से कश्‍मीर हासिल करने के सपने देखने लगे हैं। लेकिन, इस बार तालिबान का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के सपने ना देखें। उल्टा तालिबान ही भारत के प्रभाव में आकर पाकिस्तान के खिलाफ गतिविधियाँ शुरू करने का खतरा है, यह ड़र पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषकों ने ही जताया हैं।

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