विदेशमंत्री जयशंकर की इस्रायल, अमरीका और यूएई के विदेशमंत्रियों से चर्चा

जेरूसलम/वॉशिंग्टन – इस्रायल की यात्रा कर रहे भारत के विदेशमंत्री जयशंकर की इस्रायल समेत अमरीका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेशमंत्रियों से चर्चा हुई। यह चर्चा फलदायी होने का बयान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया है। भारत, इस्रायल, अमरीका और यूएई का यह सहयोग यानी पश्‍चिमी एशिया का ‘क्वाड’ होने के दावे किए जा रहे हैं। खाड़ी क्षेत्र में जारी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि पर इस रणनीतिक सहयोग को बड़ी अहमियत प्राप्त होने का बयान कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं।

इस्रायल, अमरीका और यूएईइस्रायल के विदेशमंत्री येर लैपिड, अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन और यूएई के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन ज़ायेद अल नह्यान के साथ विदेशमंत्री जयशंकर की ‘वर्चुअल’ बैठक हुई। इस बैठक में आर्थिक, राजनीतिक सहयोग व्यापक करने का मुद्दा शीर्ष स्थान पर रहा। यह चर्चा फलदायी साबित हुई, ऐसा बयान जयशंकर ने किया। चार स्वतंत्र द्विपक्षीय चर्चाओं से जो प्राप्त करना मुमकिन नहीं होता, वह इस तरह के एक ही बहुपक्षीय चर्चा से संभव होता है, यह दावा भी इस दौरान अमरिकी विदेशमंत्री ने किया था। इस पर विदेशमंत्री जयशंकर ने समर्थन किया।

कोरोना विरोधी जंग में बहुपक्षीय सहयोग की अहमियत रेखांकित हुई है, इस बात की याद भी विदेशमंत्री जयशंकर ने इस दौरान दिलाई। इसी बीच भारत, इस्रायल, अमरीका और यूएई का यह सहयोग रणनीतिक स्तर पर बड़ा अहम साबित होगा, ऐसा कहकर विश्‍लेषक इस सहयोग की ओर बड़ी बारिकी से देख रहे हैं। पश्‍चिमी एशिया के ‘क्वाड’ के तौर पर इस सहयोग को देखा जा रहा है और इसके ज़रिये खाड़ी क्षेत्र में अपने हितों की सुरक्षा करने की कोशिश यह चार देश कर रहे हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम की वजह से निर्माण हुई स्थिति, इराक और सीरिया में जारी संघर्ष, येमन के साथ सौदी प्रणित लष्करी गुट का युद्ध, इन कारणों से खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण हुई है। पूरे विश्‍व को बड़ी मात्रा में र्इंधन की सप्लाई करनेवाली खाड़ी क्षेत्र में यह अस्थिरता अधिक बढ़ी तो इसके गंभीर परिणाम विश्‍व के सामने आएँगे। इस पृष्ठभूमि पर खाड़ी क्षेत्र के मुद्दे को लेकर सहयोग बढ़ाना भारत के साथ अमरीका और इस्रायल के हितों के लिए काफी अहम साबित होता है। इस बहुपक्षीय चर्चा से यह बात नए से सामने आयी है। खास तौर पर चीन और रशिया खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटे होने के दौरान भारत और अमरीका भी इस क्षेत्र में अपने हितों की सुरक्षा करने के लिए आवश्‍यक गतिविधियाँ कर रहे हैं, यह भी इससे स्पष्ट हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.