पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी ‘जैश-ए-मोहम्मद’ संघटन के तालिबान और अल कायदा से हैं घने संबंध – ‘एनआयए’ की जानकारी

नई दिल्ली – पुलवामा के हमले की जाँच के दौरान इस हमले के मुख्य साज़िशकर्ता पाकिस्तान स्थित आतंकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन के अल कायदा और तालिबान से घने संबंध होने की जानकारी ‘एनआयए’ के हाथ लगी है। पुलवामा हमले का सूत्रधार ‘मोहम्मद उमर फारूक’ को अफ़गानिस्तान के हेलमंड प्रांत की संगीन छावनी में प्रशिक्षण दिया गया था। वहां पर मौजूद अल कायदा और तालिबान के शिविरों में लगभग एक हज़ार पाकिस्तानी आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया है, यह बात भी ‘एनआयए’ ने कही है।

पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी ‘जैश-ए-मोहम्मद’ संघटन के तालिबान और अल कायदा से हैं घने संबंध - ‘एनआयए’ की जानकारीपुलवामा के आतंकी हमले के मामले में दो दिन पहले ही एनआयए ने आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट की जानकारी भी दर्ज़ है। इस रपट में अफ़गानिस्तान में मौजूद अल कायदा, तालिबान और जैश के शिविरों का ज़िक्र किया गया है। इनमें से कुछ ज़गहों पर आतंकी हक्कानी नेटवर्क संगठन की मौजूदगी भी पाए जाने की बात ‘एनआयए’ के एक अधिकारी ने साझा की।

अफ़गानिस्तान के विशेषज्ञों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद और लश्‍कर-ए-तोयबा दोनों आतंकी संगठन अफ़गानिस्तान में आतंकियों की तस्करी करते हैं। यह आतंकी सलाहकार, प्रशिक्षक एवं विस्फोटक तैयार करनेवाले विशेषज्ञों के तौर पर काम करते हैं। तालिबान, लश्‍कर-ए-तोयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कुल २०० से ८०० आतंकी अफ़गानिस्तान के नांगरहार प्रांत में सक्रिह हैं।

पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी ‘जैश-ए-मोहम्मद’ संघटन के तालिबान और अल कायदा से हैं घने संबंध - ‘एनआयए’ की जानकारीपाकिस्तान की सीमा के करीबी अफ़गानिस्तान के नांगरहार, कुनार, नूरीस्तान प्रांतों में तालिबान, लश्‍कर और जैश ने अपने अड्डे स्थापित किए जाने की बात संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपनी रपट में दर्ज़ की थी। ‘एनआयए’ ने अपने आरोप पत्र में उमर फारूख का पहचान पत्र और अफ़गानिस्तान में स्थित कैम्प में लिया गया फारूख का फोटो भी प्रसिद्ध किया है। इसके साथ ही एनआयए ने तीन आतंकियों के फोटो भी जारी किए हैं। इनमें अमल अल्वी का फोटो भी है और तीसरे आतंकी की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है।

कुछ दिन पहले ही अफ़गानिस्तान में तालिबान और अल कायदा के साथ पाकिस्तान पुरस्कृत जैश-ए-मोहम्मद इस आतंकी संगठन ने हाथ मिलाया है, यह बयान अफ़गान सुरक्षा अधिकारी ने किया था। अफ़गानिस्तान की पूर्वी सीमा के करीब ‘जैश’ ने तालिबान और अल कायदा के साथ अड्डों का निर्माण किया है और बीते कुछ दिनों से नांगरहार, कुनार प्रांत में अफ़गान सैनिकों पर हुए हमलों के लिए यही आतंकी संगठन ज़िम्मेदार होने की बात कही गई थी। एनआयए की जाँच में सामने आई जानकारी की अफ़गान यंत्रणा ने किए आरोपों से पुष्टी हो रही है।

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