लीबिया के शरणार्थियों के समूहों को रोकने के लिये इटली का नया प्रस्ताव

 

त्रिपोली, दि.१४: इटली में आनेवाले शरणार्थियों की समस्या अधिक गंभीर रूप धारण कर रही है और पिछले दो दिनों में इटालियन यंत्रणा ने ४ हजार से अधिक शरणार्थियों को छुडाने की जानकारी सामने आयी है| इसी पृष्ठभूमी पर इटली के अंतर्गत रक्षामंत्री मार्को मिन्निटी ने गुरुवार को लीबिया को विशेष भेट दी| इस भेंट में इटलीने लीबिया को ४ करोड यूरो का वित्तसहाय्य देने के बदले शरणार्थी समूहों को रोकने की माँग की है|

शरणार्थियों की समस्या अधिक गंभीर

कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘इंटरनैशनल ऑर्गनायजेशन फॉर मायग्रेशन’ ने शरणार्थियों की नई जानकारी प्रसिद्ध की| इसके अनुसार जनवरी से जून इन छ महीनों के काल में करीब ९५ हजार शरणार्थी यूरोप में आने की बात सामने आई है| उन में से ८० हजार शरणार्थी लीबिया से समुद्री अवैध मार्ग से आये हैं| इस तरह से आते हुए करीब २ हजार शरणार्थियों की जान जाने की खबर ‘इंटरनैशनल ऑर्गनायजेशन फॉर मायग्रेशन’ ने प्रसिद्ध की|इन में सबसे अधिक शरणार्थी इटली में घुसे हैं और पिछले साल की तुलना में २० प्रतिशत शरणार्थियों की बढत हुई है|

इस दौरान इटली ने दुसरे यूरोपीय देशों से शरणार्थियों को स्वीकारने का अनुरोध किया की और अपने बंदरगाह शरणार्थियों के लिये खोलने का आवाहन किया था| पर इटली के आवाहन को दुसरे यूरोपीय देशों ने महत्व नही दिया| इस पृष्ठभूमी पर इटली ने लीबियन सरकार से चर्चा करके समस्या सुलझाने का प्रयास, मार्को मिन्निटी के मुलाकात से स्पष्ट हुआ है|

गुरुवार को इटली के अंतर्गत रक्षामंत्री ने लीबिया के संयुक्त राष्ट्रसंघ की मान्यता प्राप्त सरकार के प्रधानमंत्री फायेज सेराज से मुलाकात की| उसके बाद शुक्रवार के दिन लीबिया के वरिष्ठ अधिकारी और विविध प्रांत के मेयरों से मुलाकातें हुई| इन बैठकों में लीबियन सरकार को दिये प्रस्ताव के बारे में सभी को बताया गया| साथ ही, इटली ने लीबिया की स्कूलों और आरोग्य सुविधा के विकास के लिये ४ करोड यूरो से अधिक निधि देने की बात सामने आई|

इस वित्त सहायता के बदले इटली में होनेवाली शरणार्थियों की घुसपैठ को रोकने की माँग लीबिया की यंत्रणा से की गई|शरणार्थियों को अवैध मार्गो से घुसाने का प्रयास करनेवाले गुनहगारों पर सख्त कार्रवाई करने की माँग भी रखी गई| इटली ने दिये आर्थिक प्रस्ताव के पूर्व यूरोपीय महासंघ ने आफ्रिकी देशों को इस तरह शरणार्थियों को रोकने के लिये वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दिया था, जिसका मानवाधिकार संघटनों ने कडा विरोध किया था|

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