कुर्दिस्तान की स्वतंत्रता को इस्रायल का समर्थन- इस्रायली प्रधानमंत्री की घोषणा

जेरूसलम: इराक, ईरान, तुर्की और आर्मेनिया में कुर्द जनता के लिए स्वतंत्र कुर्दिस्तान की स्थापना करने के प्रयत्न को इस्रायल का पूर्ण समर्थन होगा ऐसी घोषणा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने की है। पर स्वतंत्र कुर्दिस्तान का समर्थन करते वक्त तुर्की के कुर्द विद्रोहियों का गट ‘पीकेके’ यह आतंकी संगठन होने की बात प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने स्पष्ट की है।

स्वतंत्र कुर्दिस्तान

इस्रायल के प्रधानमंत्री फिलहाल लैटिन अमरीका देश के दौरे पर होकर बुधवार के दिन अर्जेंटीना में होते समय, उन्होंने यह घोषणा की। कुर्द जनता स्वतंत्र देश के लिए योग्य प्रयत्न कर रही है, यह इस्रायली प्रधानमंत्री ने कहकर कुर्द जनता के इन प्रयत्नों को अपना समर्थन होने की बात स्पष्ट करते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री ने तुर्की की दोहरी नीति पर टिका की है। गाजा पट्टी में ‘हमास’ इस आतंकी संगठन को तुर्की से सहायता मिलती है, फिर भी इस्रायल के लिए तुर्की का ‘पीकेके’ यह आतंकवादी संगठन ही है, यह प्रधानमंत्री ने कहा।

इससे पहले सन २००४ में एक सुरक्षा विषयक बैठक में बोलते समय नेत्यान्याहू ने स्वतंत्र कुर्दिस्तान की योजना को अपना समर्थन दिया था। पर इस्रायल के माजी राष्ट्रपति शिमॉन पेरेस रक्षामंत्री एविग्दोर लिबरमन ने भी कुर्दिस्तान के निर्माण को समर्थन होने की बात घोषित की थी।

आने वाले २५ सितंबर को इराक में स्वतंत्र कुर्दिस्तान के लिए सार्वमत लिया जाएगा। इराक तथा तुर्की में कुर्द गटों से इस सार्वमत की तैयारी शुरू की है। इराक के उत्तर मैं कुर्द का स्वायत्त सरकार सत्ता पर होते हुए, इस प्रांत में कुर्द का स्वतंत्र लश्कर भी है। इराक में आयएस विरोधी संघर्ष में कुर्द लश्कर भी शामिल हुआ था। अमरीका ने कुर्द लश्कर एवं गटों से इराक तथा सीरिया में आईएस विरोधी संघर्ष में सहायता ली थी। साथ ही अमरीका कुर्द वंशीय के स्वतंत्र देश की मांग की तरफ सहानुभूति से देख रहा है, यह संकेत मिले थे। अब तक अमरीकन नेताओं ने इस बारे में सुस्पष्ट भूमिका नहीं ली है, फिर भी कुर्द के गटों को मिलने वाले शास्त्र से अमरीका की इस संदर्भ में भूमिका स्पष्ट होती है।

पर इराक, ईरान तुर्की और आर्मेनिया में फैले हुए कुर्द के लिए अपना भू-भाग तोड़ कर देने के लिए कोई देश तैयार ना होकर, तुर्की भी इस बारे में कोई समझौता संभव न होने की बात कह रहा है। इससे तुर्की ने अमरीका के साथ दुश्मनी करने की तैयारी की है। रशिया एवं ईरान इन अमरीका के पारंपरिक शत्रु देशों से सहकार्य बढ़ाकर तुर्की अमरीका को उत्तर दे रहा है। पर इस्राइल खुल के कुर्द को समर्थन करके अब स्वतंत्र कुर्दिस्तान की मांग को समर्थन दे रहा है। इससे, बहुत बड़ी प्रतिक्रिया आने वाले समय में दिखाई देगी, जिससे खाड़ी क्षेत्र में संघर्ष अधिक तीव्र होने वाला है।

कुर्दिस्तान की सार्वमत के लिए कीमत चुकानी होगी- तुर्की का विदेश मंत्रालय
अंकारा: स्वतंत्र कुर्दिस्तान के लिए सार्वमत लेने का प्रयत्न छोड़ दे। सार्वमत के गतिविधियों के लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी, यह इशारा तुर्की के विदेश मंत्रालय ने दिया है।

इराक की संसद ने कुर्दिस्तान के लिए सार्वमत लेने की योजना नामंजूर की है और इराक के प्रधानमंत्री ने इसके विरोध में कार्रवाई करने की मांग की है। इराक की संसद के इस निर्णय का तुर्की ने स्वागत किया है और इसकी वजह से कुर्द की चिंता बढ़ेगी, ऐसा तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा है।

इराक के संसद जैसे भूतपूर्व राष्ट्रपति मसूद बर्झानी ने भी इस सार्वमत की गतिविधियों का विरोध करके, इससे खाड़ी क्षेत्र में युद्ध भड़केगा यह इशारा दिया था।

 

अरब लीग को कुर्दिस्तान का सहारा मत अमान्य

सुलैमानी: इराक के संविधान का आदर करके एक संघ इराक के लिए सभी गटों से प्रयत्न करें, यह कहते अरब लीग ने स्वतंत्र कुर्दिस्तान के प्रयत्नों का जोरदार विरोध किया। तथा उसके लिए शुरु रहे सार्वमत के गतिविधियों को बंद करें यह सूचना भी अरब लीग ने दी है।

इराक में यह विवाद सुलझाने के लिए इराकी सरकार और कुर्द गटों में चर्चा करें यह आवाहन अरब लीग ने किया है। स्वतंत्र कुर्दिस्तान के प्रयत्नों का भीषण परिणाम हो सकते है, यह इशारा भी अरब लीग ने दिये है।

 

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