हमास की जानकारी हासिल करने के लिए इस्रायल ने ‘ड्रोन स्वार्म’ का इस्तेमाल किया – ब्रिटेन की मासिक पत्रिका का दावा

israel-drone-swarm-hamas-1लंडन – मई महीने में 11 दिन का हमास के साथ हुआ संघर्ष यानी आर्टिफिशल इंटेलिजन्स द्वारा लड़ा दुनिया का पहला युद्ध था, ऐसी घोषणा इस्रायल के लष्करी अधिकारियों ने महीने भर पहले की थी। साथ ही लष्करी तंत्रज्ञान में इस्रायल ने बहुत बड़ी प्रगति की होने की चेतावनी इस्रायल ने अपने दुश्मनों को दी थी। अब इसी ११ दिन के युद्ध में हमास के आतंकवादियों पर हमले करने से पहले आवश्यक जानकारी हासिल करने के लिए इस्रायल ने ड्रोन स्वार्म्स का इस्तेमाल करने की जानकारी सामने आ रही है। इस कारण, इस्रायल-हमास के बीच दुनिया का पहला एआय नियंत्रित ड्रोन स्वार्म्स का संघर्ष कुआं होने का दावा लंदन स्थित मासिक पत्रिका ने किया।

इस्रायली लष्कर और गाजा के हमास के आतंकवादी इनके बीच मई महीने में बड़ा संघर्ष भड़का था। इसमें हमास ने इस्रायल पर लगभग ४,३०० रॉकेट्स, क्षेपणास्त्रों के हमलें भी किए थे। वहीं, इस्रायल ने हवाई कार्रवाई से हमास को जवाब दिया था। इस पूरे संघर्ष में गाजा के २५६ और इस्रायल के १३ लोग मारे गए। इस्रायल की कार्रवाई में हमास के डेढ़ सौ से अधिक आतंकी ढेर किये होने का दावा इस्रायल ने किया था। इस्रायल और हमास के बीच का यह अब तक का सबसे भीषण संघर्ष माना जाता है।

israel-drone-swarm-hamas-2इस संघर्ष में हमास के आतंकियों के खुफिया स्थान ढूँढ़ने के लिए इस्रायल ने ड्रोन स्वार्म्स का इस्तेमाल किया था। ‘न्यू सायन्टिस्ट’ लंदन स्थित मासिक पत्रिका ने यह दावा किया है। इस प्रकार एआय पर आधारित ड्रोन स्वार्म्स का इस्तेमाल पहली ही बार हुआ, ऐसा इस मासिक पत्रिका का कहना है। अब तक अमरीका ने इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सिरिया, येमन, सोमालिया इन देशों में आतंकवादियों पर हमले करने के लिए बड़े आकार के ड्रोन का इस्तेमाल किया था । इन ड्रोन्स को दूसरे देशों में बैठे हुए वैमानिको द्वारा संचालित किया जाता है। लेकिन इस्रायल ने हमास के आतंकियों की जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किए ड्रोन स्वार्म्स एआय तंत्रज्ञान पर आधारित है, ऐसी जानकारी इस मासिक पत्रिका ने दी।

इस संघर्ष में इस्रायल के ड्रोन स्वार्म्स ने हमले किए या उनका इस्तेमाल केवल जानकारी हासिल करने के लिए ही किया गया, वह स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन हमास के आतंकवादियों की सटीक जानकारी इकट्ठा करके लष्करी यंत्रणाओं को प्रदान करने का काम इन ड्रोन स्वार्म्स ने किया होने की बात इस मासिक पत्रिका ने कही है। इससे हमास के आतंकवादियों पर हमला करना इस्रायल के लिए आसान हुआ, ऐसा दावा मासिक पत्रिका ने किया। इस बारे में इस्रायली लष्कर ने अधिकृत स्तर पर कुछ भी विवरण सार्वजनिक नहीं किया है।

‘इस्रायल ने हमासविरोधी कार्रवाई में ड्रोन स्वार्म्स का इस्तेमाल शायद केवल जानकारी हासिल करने के लिए ही किया हो, फिर भी आनेवाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित ये ड्रोन स्वार्मस् युद्धतंत्र में बहुत बड़े बदलाव लानेवाले साबित होंगे’, ऐसी चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘इन्स्टिट्युट फॉर डिसआर्मामेंट रिसर्च’ विभाग के विश्‍लेषक आर्थर हॉलंड ने ज़ाहिर की। इससे पहले अमरीका, रशिया और चीन इन देशों ने ड्रोन स्वार्म्स पर तेज़ी से काम शुरू करने की खबरें आई थी। लेकिन इसका इस्तेमाल शुरू हुआ है, यह बताकर ‘न्यू सायन्टिस्ट’ ने चिंताएँ बढ़ाईं हैं।

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