तुर्की के आतंकवाद के विरोध में इस्रायल ने आर्मेनिया का साथ देना होगा – यूरोपियन विश्‍लेषक का आवाहन

turkey-terrorism-armeniaजेरुसलम/येरेवान – यहूदी वंशज और आर्मेनियन्स अपने पड़ोसियों से काफी अलग हैं। उनका बड़ा और लंबा इतिहास है। कई आक्रमण एवं युद्धों का मुकाबला करके वह ड़टकर खड़े हैं। दूसरी ओर अपने आँख के सामने पश्‍चिमी जगत का पतन दिख रहा है। ऐसी स्थिति में तुर्की जैसे खतरनाक शत्रु की जारी आतंकी गतिविधियों के विरोध में इस्रायल ने आर्मेनिया का साथ देना चाहिए। यह नैतिक एवं रणनीतिक नज़रिये से उचित निर्णय साबित होगा, यह आवाहन यूरोपियन विश्‍लेषक निलितो मेओती ने किया है। इस्रायल नैशनल न्यूज नामक वेबसाईट पर लिखे लेख में मेओती ने यह आवाहन करते समय तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन यह ईसाईयों के साथ यूरोप, पश्‍चिमी संस्कृति और अपने समान मुल्यों के लिए गंभीर खतरा होने का इशारा भी दिया।

turkey-terrorism-armeniaसीरिया, लीबिया और भूमध्य समुद्र के बाद तुर्की के सुल्तान (एर्दोगन) की नज़र नागोर्नो-कैराबख पर है। ऐतिहासिक नज़रिये से यह क्षेत्र आर्मेनिया का है और इस पर इस्लामिक देश अज़रबैजान ने दावा किया है। एर्दोगन ने विश्‍वासघाती कतार के समर्थन पर अपने हमलावरों की फौज़ अज़रबैजान में उतारी है। एक वेबसाईट के दावे के अनुसार तुर्की ने चार हज़ार हमलावर अज़रबैजान में उतारे हैं और अभी और भी हमलावर अज़रबैजान जाने की तैयारी में हैं। हम ईसाई हमलावरों के विरोध में लड़ने जा रहे हैं और यह जिहाद का हिस्सा होने के दावे वे कर रहे हैं, इन शब्दों में मेओती ने आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध सिर्फ एक प्रांत के लिए शुरू हुआ संघर्ष ना होने का अहसास कराया है।

turkey-terrorism-armeniaपूर्वी इलाके के ईसाईयों के साथ पहले भी रशिया और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन थे और अब भी आर्मेनियन्स को उन्हीं का आधार है, यह दावा यूरोपियन विश्‍लेषकों ने किया। अब इस्रायल को भी उनका साथ देने की आवश्‍यकता है और अज़रबैजान को हथियार बेचना बंद करना होगा। तुर्की इस्रायल का एक शत्रुदेश ही है, यह ध्यान में रखना होगा, यह बयान गिलिओ मेओती ने किया है। ग्रीस से आर्मेनिया तक एर्दोगन के विरोध में संघर्ष करते समय सिर्फ हितसंबंध नहीं बल्कि संस्कृति का अस्तित्व भी दांव पर लगा है, यह बात यूरोप ने समझनी होगी, इन शब्दों में उन्होंने यूरोप को भी इशारा दिया।

कुछ दिन पहले आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने तुर्की को आर्मेनियन्स का संहार करना है, ऐसा सनसनीखेज दावा किया था। उस समय उन्होंने तुर्की की ग्रीस और आर्मेनिया के विरोध में जारी गतिविधियों का ज़िक्र करके अगले समय में तुर्की यूरोप के वीएन्ना शहर तक पहुँचकर टकराता है तो भी आश्‍चर्य व्यक्त ना करें, यह इशारा दिया था।

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