इस्रायल की नई सरकार द्वारा हमास पर हुई पहली कार्रवाई

नई सरकारजेरूसलम – हमास के आतंकियों ने मंगलवार के दिन इस्रायल के सरहदी क्षेत्र में बलून बम के हमले किए। इसके प्रत्युत्तर में इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने हमास के ठिकानों पर कार्रवाई की। दो दिन पहले ही इस्रायल का नियंत्रण स्वीकारने के बाद नफ्ताली बेनेट और येर लैपीड़ के सरकार की गाज़ा पर यह पहली कार्रवाई थी। सत्ता परिवर्तन के बावजूद इस्रायल की आतंकवाद विरोधी नीति में बदलाव नहीं होगा, यही बात बेनेट-लैपीड की सरकार ने इस कार्रवाई से साबित की है।

इस्रायल और पड़ोसी देशों के साथ वर्ष १९६७ के युद्ध में हासिल जीत का स्मरण करने के लिए इस्रायली जनता ने मंगलवार के दिन जेरूसलम में रैली का आयोजन किया था। इस रैली के आयोजन पर हमास ने आपत्ति जताई। यह रैली पैलेस्टिनी नागरिकों को ठेस पहुँचानेवाली होने का आरोप हमास ने लगाया था। इसके बाद मंगलवार शाम को हमास के आतंकी और समर्थकों ने गाज़ा से इस्रायल के सरहदी क्षेत्र में बलून बम के दस हमले किए।

नई सरकारइन हमलों में इस्रायल के सरहदी क्षेत्र के खेत और बगीचों में आग लगी। इससे स्थानीय लोगों को बड़ा नुकसान होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में बुधवार सुबह को इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने गाज़ा में हमास के ठिकानों पर हमले करके प्रत्युत्तर दिया। इस दौरान हमास के आतंकियों के प्लैनिंग सेंटर्स को तबाह करने की जानकारी इस्रायली सेना ने प्रदान की। साथ ही बलून बम के हमलों के माध्यम से हमास नए संघर्ष के लिए उकसा रही है, यह आरोप भी इस्रायली सेना ने लगाया है।

हमास के नेताओं ने दो दिन पहले ही नए संघर्ष का इशारा दिया था। १० मई की तरह इस्रायल पर फिर से सैंकड़ों रॉकेटस्‌ की बौछार करने की धमकी हमास ने दी थी। इस दौरान हमास के कुछ नेताओं ने पहले से अधिक भीषण हमले करने का ऐलान किया। हमास के इस इशारे के बाद इस्रायली सेना ने जोरदार तैयारी करने की खबरें सामने आयी थीं। गाज़ा से हमले हुए तो हमास के कौनसे ठिकानों पर हमले करने हैं, इससे संबंधित सूचना रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने पहले ही दे रखी है। इस वजह से हमास के हमलों पर जवाब देने की तैयारी इस्रायल ने पहले ही की होने की बात सामने आ रही है।

नई सरकारबीते रविवार के दिन इस्रायल में नफ्ताली बेनेट और येर लैपीड ने आठ दलों के गठबंधन की सरकार बनाई है। इससे पहले इस्रायली सेना के कमांडो दल में बतौर सिपाही काम करने का तजुर्बा रखनेवाले प्रधानमंत्री बेनेट कड़वे गुट के नेता हैं। दो वर्ष पहले बेनेट ने नेत्यान्याहू सरकार में ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ के तौर पर कार्य किया है।

प्रधानमंत्री बेनेट पूर्व प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से भी अधिक कड़वे और द्विराष्ट्र के मुद्दे के कड़े विरोधी और वेस्ट बैंक में इस्रायली शरणार्थियों के लिए बनाई गई बस्तियों के निर्माण कार्य के समर्थक माने जाते हैं। लेकिन, बेनेट के साथ गठबंधन की सरकार में मौजूद अन्य सात दलों की भूमिका इससे अलग होने का दावा किया जा रहा है। इस गठबंधन की सरकार में अरबों की पार्टी का भी समावेश है।

इसी बीच, इस्रायल में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद यह गठबंधन की नई सरकार गाज़ा की हमास और ईरान, हिज़बुल्लाह से संबंधित क्या भूमिका अपनाती है, इस ओर पूरे विश्‍व की नज़रे लगी हैं। गाज़ा में हमास के ठिकानों पर हमले करके बेनेट सरकार ने आतंकवाद विरोधी नीति जारी रहेगी, यह स्पष्ट किया है।

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