अमरिका-ईरान तनाव के दौरान इस्रायल यकायक ईरान पर हमला करेगा – अमरिकी विश्‍लेषिका का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/जेरुसलेम – शत्रु को सामुदायिक संहार के हथियार प्राप्त होने से पहले ही उन्हें तबाह करने की नीति इस्रायल रखता है| अपने इस ‘बिगीन डॉक्ट्रीन’ के तहेत इस्रायल ने वर्ष १९८१ में इराक और वर्ष २००७ में सीरिया के परमाणु केंद्रों पर हमलें किए थे| फिलहाल ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने की तैयारी में है| इस वजह से ईरान के अमरिका के साथ संबंध काफी बिगडे है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भी ईरान के संबंधों में तनाव बना है| इसका लाभ उठाकर इस्रायल ही ईरान पर हमला कर सकता है, यह इशारा अमरिकी विश्‍लेषिका डोरिन हॉर्शिक ने दिया है|

यूरोपिय देश और रशिया के दबाव की वजह से परमाणु समझौते के साथ रहे ईरान ने पिछले महीने में ही इस समझौते से बाहर निकलने के संकेत दिए थे| परमाणु हथियारों के लिए जरूरी युरेनियम का संवर्धन शुरू करने का दावा भी ईरान के नेताओं ने किया था| साथ ही पर्शियन खाडी में ईंधन टैंकर्स पर हो रहे हमलों में भी बढोतरी हुई थी और इन हमलों के पीछे ईरान का हाथ होने के आरोप हुए थे| इस वजह से अमरिका ने ईरान पर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू की थी| अमरिका के साथ ही सौदी अरब और इस्रायल ने भी ईरान को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाने का इशारा दिया था| 

पिछले सप्ताह में अमरिकी ड्रोन पर हुए हमले के बाद ईरान के विरोध में कार्रवाईयां तेज हुई है| ईरान ने किए इस हमलें के बाद इस्रायल और सौदी इन दोनों देशों से आक्रामक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी| ‘इस्रायल कभी भी ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने नही देगा| ईरान को परमाणु समझौते से बाहर होने की सजा भी मिलनी चाहिए’, यह कडा इशारा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया था|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विश्‍लेषिके ने इस्रायल की कार्रवाई के विषय में दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है| अमरिका के ‘सेंट्रल फ्लोरिडा विद्यापीठ’ की अभ्यासक के तौर पर कार्यरत हॉर्शिग ने इस्रायल की ‘बिगीन डॉक्ट्रीन’ का खास तौर पर जिक्र किया है| अबतक इस्रायल ने पश्‍चिमी एशिया में उसके पक्ष में होनेवाले किसी भी देश को परमाणु हथियार प्राप्त करने नही दिया है, इस ओर इस विश्‍लेषिका ने ध्यान आकर्षित किया है| यह इस्रायल की बरकरार नीति का हिस्सा है, यह एहसास भी उन्होंने दिलाया|

वर्ष १९८१ में इस्रायल ने इराक में परमाणु केंद्र तबाह किया था| यह कार्रवाई ऑपरेशन ऑपेरा के तौर पर जानी जा रही है| वर्ष २००७ में सीरिया के दैर एजजोर का परमाणु केंद्र भी हवाई हमलें में तबाह किया गया था| वर्ष २०१० में ईरान के कुछ परमाणु संशोधकों की हत्या हुई थी| इसके पीछे इस्रायल की गुप्तचर यंत्रणे का ही हाथ होने की बात कही गई| पिछले वर्ष से इस्रायल ने सीरिया में ईरान के अड्डों पर भी जोरदार हमलें किए है|

इन कारवाईयों का दाखिला देकर हॉर्शिग ने इस्रायल कभी भी ईरान का एटमी कार्यक्रम आगे नही जाने देगा, यह इशारा दिया है| ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हुए सायबर हमलों का भी एहसास उन्होंने कराया|

‘फिलहाल अमरिका और ईरान के बीच तनाव बढ चुका है, फिर भी ईरान यह इस्रायल का हमेशा का दुश्मन है, यह बात ध्यान में रखनी होगी| इस वजह से अपनी सुरक्षा और दुश्मनों का बढता खतरा ध्यान में रखकर इस्रायल ही अगले दिनों में यकायक ईरान पर हमला कर सकता है’, यह ईशारा अमरिकी विश्‍लेषिका डोरिन हॉर्शिग ने दिया है|

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