इस्रायल, सौदी, तुर्की, ब्रिटन, जर्मनी, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया द्वारा, अमरीका ने सीरिया पर किए हमले का स्वागत

वॉशिंग्टन, दि. ७ : इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने, अमरीका ने सीरिया पर किए हमले का सबसे पहले स्वागत किया है| यह हमला करके अमरीका ने सीरिया को कड़ी चेतावनी दी, ऐसा दावा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया है| तभी सौदी अरेबिया ने, ट्रम्प प्रशासन ने किया हमला अहम है और इस हमले को हमारा समर्थन है, ऐसा कहा है| तुर्की, ब्रिटन, जर्मनी, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने भी अमरीका का समर्थन करते हुए, यह हमला ज़रूरी था, ऐसा दावा किया है|

हमले का स्वागततुर्की ने इस हमले का समर्थन करते हुए, सीरिया में ‘नो फ्लाय झोन’ लागू करने की माँग की है| ‘इदलिब मे हुए रासायनिक हमले के बाद अस्साद हुक़ूमत का घिनौना चेहरा दुनिया के सामने आया है| अस्साद हुक़ूमत संघर्षबंदी के लिए उत्सुक नहीं है, यह स्पष्ट हुआ है| इस वजह से अमरीका ने किया यह हमला सही है’ ऐसा दावा तुर्की ने किया है| पिछले कुछ महीनों से तुर्की ने लगातार अमरीका के खिलाफ़ भूमिका अपनाई थी| लेकिन सिरिया के हमले का समर्थन करते हुए तुर्की ने अमरीका की तरफ़दारी की है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

सौदी अरेबिया ने अमरीका की सैनिकी कार्रवाई को अपना समर्थन दिया होकर, अस्साद की हुक़ूमत ने बेगुनाह लोगों पर किए रासायनिक हमले का यही सही जवाब है, ऐसा कहा|

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे ने भी इस हमले का समर्थन किया है| सिरिया के रासायनिक हमले में बच्चों की भी मौत हुई है, ऐसी याद प्रधानमंत्री ऍबे ने दिलाई| तभी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टर्नबुल ने, अमरीका का यह प्रक्षेपास्त्र हमला यानी रासायनिक हमले को दिया हुआ जवाब है, ऐसा दावा किया है| ब्रिटन के रक्षामंत्री मायकल फॅलॉन ने इस हमले को सही क़रार दिया है| साथ ही, ‘इस हमले का मतलब सीरिया के खिलाफ अमरीका ने घोषित की जंग नहीं है, बल्कि यह मर्यादित हमला था’ ऐसा दावा फॅलॉन ने किया है|

जर्मनी एवं फ्रान्स के राष्ट्रप्रमुखों ने इस संदर्भ में संयुक्त निवेदन दिया है और अमरीका के इस हमले के लिए अस्साद ही ज़िम्मेदार हैं, ऐसा दावा किया है|

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