भारतीय नौसेना के लिए इस्रायल से होगी ‘ड्रोन’ विरोधी ‘स्मैश 2000 प्लस’ यंत्रणा की खरीद

नई दिल्ली – छोटे ड्रोन्स से होनेवाला खतरा ध्यान में रखकर भारतीय नौसेना के लिए इस्रायल से ‘ड्रोन’ विरोधी यंत्रणा खरीदी जा रही है। ‘स्मैश 2000 प्लस’ नामक इस ‘ड्रोन’ विरोधी यंत्रणा का ‘ऑर्डर’ इस्रायल को प्रदान किया गया है, यह वृत्त भी प्राप्त हुआ है।

बीते कुछ दिनों में छोटे आकार के ‘ड्रोन्स’ से होनेवाले खतरे में बढ़ोतरी हुई है। एकसाथ हवाई सीमा में घुसपैठ करनेवाले एक से अधिक ‘ड्रोन्स’ की वजह से हवाई सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। बीते कुछ महीनों में जम्मू-कश्‍मीर, पंजाब और राजस्थान की सीमाओं पर पाकिस्तान ऐसे ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा है। जम्मू-कश्‍मीर में मौजूद आतंकियों को हथियार प्रदान करने के लिए भी पाकिस्तान ने ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल बढ़ाया है। भविष्य में अन्य सरहदी एवं समुद्री सीमाओं के क्षेत्र में भी इस तरह की चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ सकता है, इस संभावना को ध्यान में रखकर रक्षाबलों को ऐसे खतरों के लिए तैयार किया जा रहा है।

इस पृष्ठभूमि पर ‘ड्रोन’ युद्ध के लिए स्वदेशी यंत्रणा विकसित करने का काम शुरू किया गया है। साथ ही भारत ने अमरीका के साथ ‘ड्रोन स्वार्म’ विकसित करने की दिशा में भी कोशिश शुरू की है। इसके अलावा अमरीका के साथ ही ‘काउंटर-यूएएस रॉकेट, आर्टिलरी ऐंण्ड मॉर्टर सिस्टम’ का भी भारत निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही इस्रायल जैसे देश से ‘ड्रोन’ विरोधी यंत्रणा भी भारत खरीद रहा है।

शत्रु के छोटे ‘ड्रोन्स’ को लक्ष्य करने के लिए नौसेना को ‘स्मैश 2000 प्लस’ यंत्रणा से सज्जित करने के उद्देश्‍य से इस्रायल से इस यंत्रणा की खरीद की जा रही हैं। इस यंत्रणा का ऑर्डर भी इस्रायल के सामने रखा गया है, ऐसा वृत्त है। यह ‘स्मैश’ यंत्रणा ‘एके-47’, ‘एके-103’ एवं अन्य राइफल पर तैनात करना संभव हो सकता है और इसके ज़रिये छोटे ड्रोन्स को बड़ी सटीकता से निशाना बनाना संभव होता है। ‘स्मैश 2000 प्लस’ यंत्रणा ‘इलेक्ट्रो ऑप्टिक साईट’ प्रणाली से लैस है और इसे कंप्युटर से नियंत्रित करना भी संभव है। इससे 120 मीटर दूरी से भी छोटे ड्रोन को लक्ष्य किया जा सकेगा। इस एक ‘स्मैश 2000 प्लस’ यंत्रणा की कीमत दस लाख रुपये होने का समाचार है। लेकिन, ऐसी कितनी यंत्रणा की खरीद हो रही है, यह जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है।

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