सिरिया में हुए इस्रायल के हमले के बाद ईरान से जुड़े गुटों ने रिहायशी बस्तियों में बनाये अड्डे

अलेप्पो – पिछले हफ़्ते की तरह इस्रायल फिर से अपने स्थानों पर हमलें कर सकता है, ऐसा डर ईरान एवं ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों को लग रहा है। इस डर के कारण ईरान के जवानों तथा ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों ने पूर्वी सिरिया स्थित लष्करी अड्डे खाली कर दिये और यहाँ की रिहायशी बस्तियों में अड्डे बनाये हैं। अमरीका में ज्यो बायडेन का प्रशासन आने से पहले इस्रायल द्वारा एक और हमले की संभावना जतायी जाती है।

israel-syria-iranपिछले हफ़्ते १३ जनवरी को सिरिया के ‘देर अल-झोर’ इस पूर्वी इलाक़े में ज़ोरदार हवाई हमलें हुए। सिरियन लष्कर तथा मुखपत्र ने इन हमलों के लिए इस्रायल को ज़िम्मेदार ठहराया था। लेकिन इस्रायल ने अभी तक इन आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। यहाँ के लष्करी अड्डों पर हुए हमलों में ५७ लोग मारे गये थे। इनमें ईरान के जवान तथा ईरान से जुड़े आतंकियों का समावेश होने की जानकारी मानवाधिकार संगठनों ने दी थी। इस स्थान पर, ईरान से परमाणुकार्यक्रम से संबंधित सामग्री भी इस लष्करी अड्डों की पाईपलाईन में छिपायी होने की ख़बर भी सामने आयी थी।

israel-syria-iranदेर अल-झोर में हुए इस हमले में अपनी जीवित अथवा वित्त हानि नहीं हुई है, ऐसा ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था। साथ ही, इन हमलों के लिए इस्रायल को क़रारा जवाब मिलेगा, ऐसी धमकी इस अधिकारी ने दी थी। लेकिन खाड़ीक्षेत्र के अलग अलग माध्यमों ने सूत्रों के हवाले से दी जानकारी के अनुसार, देर अल-झोर में हुए हमलों के बाद ईरान ने यहाँ के लष्करी अड्डे छोड़ दिये हैं।

ये अड्डें, स्थान छोड़ने से पहले ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के जवानों तथा ईरान से जुड़े आतंकियों ने यहाँ के हथियारों के गोदाम भी खाली किये हैं। देर अल-झोर, मयादिन, अलबुकमल स्थित रिहायशी बस्तियों पर ईरान के जवानों तथा आतंकियों ने कब्ज़ा कर लिया है। साथ ही, लष्करी अड्डे से लाये गए रॉकेट्स, क्षेपणास्त्र तथा अन्य शस्त्रभांडार को इन रिहायशी बस्तियों में सुरंग खोदकर उनमें छिपाया है। अपने नये स्थानों का अता-पता इस्रायली यंत्रणाओं को ना लगें, इसके लिए ईरान के जवान तथा ईरान से जुड़े आतंकियों ने बॅनर्स तथा ध्वज लगाना भी टाल दिया है, ऐसी जानकारी स्थानीय पत्रकार ने दी।

israel-syria-iranअमरीका के आगामी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन जल्द ही इस देश की बागड़ोर सँभालनेवाले हैं। बायडेन सत्ता में आने के बाद सिरिया में चल रहीं इस्रायल की कार्रवाइयों को समर्थन नहीं मिलेगा, इसका यक़ीन इस्रायल को होता चला जा रहा है। इस कारण, बायडेन ने राष्ट्राध्यक्षपद की शपथ ग्रहण करने से पहले इस्रायल फिर एक बार सिरिया स्थित ईरान का लष्कर और ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों के स्थानों पर बड़े हमलें कर सकता है, ऐसा डर ईरान को लग रहा है। इस कारण सिरियास्थित ईरान का लष्कर और ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों ने अगले कुछ दिनों के लिए रिहायशी बस्तियों में छिपे रहने की नीति अपनायी होने का दावा कुवैती साप्ताहिक पत्रिका ने किया।

फिलहाल सिरिया में, ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स और कुद्स फोर्सेस के जवानों समेत लेबेनॉन का हिजबुल्लाह, अफ़गानिस्तान का फतेमिया ब्रिगेड, पाकिस्तान का झैनेबिया ब्रिगेड तथा सिरिया-इराक का बटालियन ३१३, बाकिर ब्रिगेड और अन्य आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। पिछले हफ़्ते में इस्रायल ने ‘देर अल-झोर’ में ३५ स्थानों पर किये हवाई हमलों में इन अग्रसर आतंकवादी संगठनों के अड्डों को लक्ष्य किया था।

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