ईरान को रोकने के लिए इस्राइल सीरिया में सेना घुसाएगा- इस्राइली प्रधानमंत्री का इशारा

सोची: ‘ईरान ने पहले से ही लेबनोन पर पकड़ पाई है, अब यह देश इराक और येमेन पर नियंत्रण पाने की तैयारी में है। सीरिया में भी ईरान मोर्चे की तैयारी कर रहा है, जिससे इस्राइल की सुरक्षा खतरे में आई है। ईरान के इस खतरे को रोकने के लिए इस्राइल सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकता है। सीरिया में सेना घुसाकर इराण की सेना पर भी कार्रवाई कर सकता है’, ऐसा इशारा इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ चर्चा में इस्राइल के प्रधानमंत्री ने यह इशारा देने की वजह से इसका महत्व और गांभीर्य ज्यादा बढ़ गया है।

इस्राइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने रशिया का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ चर्चा की। पिछले चार महीनों में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष की दूसरी बार मुलाकात की है। बुधवार की मुलाकात में इस्राइली प्रधानमंत्री ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष के सामने ईरान के साथ ही सीरिया के मुद्दे पर चर्चा की है। सीरिया में ईरान के बढ़ते राजकीय और लष्करी प्रभाव पर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने चिंता व्यक्त की है। उसके साथ ही सीरिया में लागू की जाने वाली संघर्षबंदी पर भी इस्राइली प्रधानमंत्री ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की।

सीरिया में किसी भी प्रकार की संघर्षबंदी लागू करने से पहले उस इलाके से ईरान की सेना पूरी तरह से पीछे हटेगी, इसका ध्यान रखें, ऐसा आवाहन इस्राइली प्रधानमंत्री ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष से किया है। इस संघर्षबंदी की आड़ में ईरान सीरिया के कुछ इलाकों में अपनी सेना की पकड़ मजबूत कर रहा है, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया है।

कुछ हफ़्तों पहले अमरिका और रशिया ने पहल करके सीरिया की दक्षिण में गोलन सीमारेखा के पास संघर्षबंदी घोषित की थी। लेकिन इस संघर्षबंदी के बाद गोलन सीमा के पास कुछ इलाके में ईरान की सेना तैनात होने की कुछ खबरें सामने आई थी। इसकी तरफ इस्राइली प्रधानमंत्री ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन का ध्यान खींच लिया।

इसके साथ ही सीरिया के ‘आयएस’ से भी ईरान से सबसे ज्यादा खतरा है, ऐसी टीका इस्राइली प्रधानमंत्री ने की है। आने वाले समय में ‘आयएस’ सीरिया में अपने कब्जे की जमीन गंवाए बिना नहीं रहेगा, ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। लेकिन आयएस की जगह ईरान लेगा’, ऐसी चिंता इस्राइली प्रधानमंत्री ने व्यक्त की है। ‘ईरान सीरिया का ‘लेबनॉनायज़ेशन’ कर रहा है। ईरान के इस प्रभाव को कम करना है, तो सीरिया की गृहयुद्ध जल्द से जल्द खत्म करके ईरान को सीरिया से बाहर निकलना पड़ेगा। तभी सीरिया का ईरान के साथ युद्ध टाला जा सकता है’, ऐसा भी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने कहा है। इस्राइल की इस भूमिका पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने क्या प्रतिक्रिया दी है, यह बात अभी तक सामने नहीं आई है।

दौरान, इसके पहले भी इस्राइल ने सीरिया में ईरान की लष्करी गतिविधियों पर रशिया के पास नाराजगी जताई थी। रशिया अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके ईरान को इस्राइल के पास की सीमारेखा से बाहर निकाले, ऐसी माँग प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने की थी।

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