बगदाद से खोरासन तक शिया पंथियों को आगे भी लक्ष्य करने की ‘आयएस’ की धमकी

baghdad-khorasan-shiya-1काबुल – ‘बगदाद से खोरासन तक के क्षेत्र में शियापंथी जहाँ कहीं होंगे, वहां पर उन्हें लक्ष्य किया जाएगा’, ऐसी सनसनी फैलानेवाली धमकी आतंकी ‘आयएस’ संगठन ने दी है। बीते दस दिनों में ‘आयएस’ द्वारा अफ़गानिस्तान में शियापंथियों के दो प्रार्थना स्थालों पर किए गए आत्मघाती हमलों में १६० से अधिक लोग मारे गए हैं। इसके बाद अफ़गानिस्तान में ‘आयएस’ के बढ़ रहे खतरे पर रशिया और ईरान ने गंभीर चिंता जताई थी। लेकिन, रशिया की चिंता बेबुनियाद होने का बयान तालिबान कर रही है। ऐसी स्थिति में ‘आयएस’ ने शियापंथियों को दी हुई धमकी काफी संवेदनशील बात मानी जाती है।

आयएस’ का प्रचार कर रहे ‘अल-नबा’ नामक पत्रिका में शनिवार के दिन ‘आयएस’ की धमकी प्रसिद्ध की गई। शियापंथी काफी खतरनाक होने का बयान करके वह जहाँ कहीं होंगे, घरों से सामुदायिक केंद्रों तक शियापंथियों को लक्ष्य किया जाएगा, ऐसा ‘आयएस’ ने धमकाया है।

baghdad-khorasan-shiya-3अफ़गानिस्तान में स्थित शियापंथियों को लक्ष्य करके ‘आयएस’ ने यह धमकी दी है, यह दावा ‘खामा प्रेस’ नामक अफ़गान वृत्तसंस्था ने किया है। क्योंकि, अफ़गानिस्तान के शियापंथी ‘आयएस-खोरासन’ के खिलाफ ईरान और अन्य देशों की सहायता कर रहे हैं। इसी वजह से ‘आयएस’ की यह धमकी सिर्फ अफ़गानिस्तान के शियापंथियों के लिए सीमित होने की बात वर्णित वृत्तसंस्था ने कही है।

लेकिन, अगली धमकी में ‘आयएस’ ने बगदाद से खोरासन तक शियापंथियों को लक्ष्य करने का ऐलान किया। इस वजह से ‘आयएस’ अफ़गानिस्तान के साथ इराक, ईरान, पाकिस्तान एवं मध्य एशिया के शियापंथियों को भी लक्ष्य करेगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी वजह से ‘आयएस’ की इस धमकी की गंभीरता काफी हद तक बढ़ी है।

baghdad-khorasan-shiya-2तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करने के साथ ही ‘आयएस’ के आतंकियों ने तालिबानी आतंकियों पर हमले बढ़ाए हैं। लेकिन, बीते दस दिनों में ‘आयएस’ के आतंकियों के हमलों का केंद्र अफ़गानिस्तान के शियापंथी रहे हैं। कुंदूज़ एवं कंदहार में शियापंथियों के प्रार्थना स्थानों पर भारी भीड़ के दौरान ‘आयएस’ के आतंकियों ने हमले किए थे।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करने के बाद इस देश में विश्‍वभर की आतंकी संगठन अपने पैर जमाएंगे, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने दिया था। तो, आयएस, अल कायदा और उनसे जुड़े आतंकी संगठन अफ़गानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाकर पड़ोस के सेंट्रल एशियाई देशों की सुरक्षा को चुनौती देंगे, ऐसी चिंता रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने जताई थी। इराक और सीरिया में ‘आयएस’ के कम से कम २ हज़ार आतंकी अब अफ़गानिस्तान में होने की चिंता रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने जताई थी।

लेकिन, तालिबान के आतंकी ने स्थानीय अफ़गान वृत्तसंस्था से बोलते समय रशियन राष्ट्राध्यक्ष की चिंता बेबुनियाद होने की बात कही। अफ़गानिस्तान में ‘आयएस’ का खास प्रभाव नहीं है। साथ ही ‘आयएस’ के आतंकियों को अफ़गान जनता का समर्थन ना होने का दावा भी तालिबान के इस आतंकी ने किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.