‘आयएस’ ब्रिटन एवं पश्चिमी राष्ट्रों पर भयानक हमला करने के घात में

लंडन के वरिष्ठ पुलीस अधिकारी की चेतावनी

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पिछले साल पॅरिस में हुए हमलों से भी बड़े और अधिक ख़तरनाक हमले ब्रिटन पर करने की तैयारी ‘आयएस’ के आतंकवादियों ने की है । लेकिन ये हमलें केवल ब्रिटन पर न होकर, ब्रिटन की पश्चिमी संस्कृति पर भी होंगे, ऐसी चेतावनी लंडन पुलीस दल के उपायुक्त मार्क रोली ने दी है । वहीं, अगले तीन महीनें भर में ब्रिटन में मनाया जा रहा, रानी एलिझाबेथ के ९०वें जन्मदिन का कार्यक्रम भी ‘आयएस’ के निशाने पर होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती, ऐसा रोली ने स्पष्ट किया ।

‘आयएस’ के आतंकियों ने पॅरिस में किया हुआ हमला यह पश्चिमी देशों के लिए चेतावनी थी । पॅरिस से भी अधिक भयंकर हमलें करने के प्रयास में ‘आयएस’ के आतंकी होकर, ब्रिटन उनका प्रमुख लक्ष्य है, ऐसी चेतावनी रोली ने दी । इस पार्श्वभूमि पर ब्रिटन के सभी प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी होकर, लंडन ने किसी लष्करी छावनी का स्वरूप धारण किया है । इससे पहले ‘आयएस’ के नेतृत्व ने आतंकी तथा अपने समर्थकों को, युरोप की पुलीस एवं सुरक्षायंत्रणाओं को लक्ष्य बनानो की सूचना की थी । लेकिन इस समय आतंकी पश्चिमी संस्कृति पर ही हमला करेंगे, इन शब्दों में पुलीस उपायुक्त ने आगाह किया है।

सिरिया में आतंकवादी कारनामों का प्रशिक्षण ले चुके आतंकियों को युरोप में तैनात करने के ‘आयएस’ के प्रयास शुरू है। इन आतंकियों की सहायता से ‘आयएस’ ब्रिटन, नॉर्वे, डेन्मार्क, नेदरलँड इन देशों को लक्ष्य बना सकता है, ऐसा कहा जा रहा है। इनमें से ब्रिटन यह ‘आयएस’ के हमलों का प्रमुख लक्ष्य है, ऐसा रोली ने कहा। गत कुछ महीनों में ‘आयएस’ के हमलों का केंद्र (फ़ोकस) बदला हुआ होने का दावा भी उन्होंने किया। ‘आयएस’ के आतंकी पुलीस तथा नागरिकों के साथ साथ सामाजिक कार्यक्रमों को भी लक्ष्य बनायेंगे, ऐसी संभावना ज़ाहिर की जा रही है।

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इनमें से अप्रैल, मई और जून इन तीन महीनों में ब्रिटन में आयोजित किये गए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान भी आतंकी घातपात मचा सकते हैं। इस कालावधि में, ब्रिटन की रानी एलिझाबेथ के जन्मदिन का कार्यक्रम ब्रिटन में मनाया जानेवाला है। इस कार्यक्रम के दौरान यदि ‘आयएस’ ने ख़ूनख़राबा किया, तो वह पश्चिमी संस्कृति पर बड़ा हमला साबित हो सकता है। इस पार्श्वभूमि पर, ब्रिटन की सुरक्षव्यवस्था बढ़ा दी गयी है। पॅरिस पर हुए हमले के बाद, ब्रिटन की सुरक्षायंत्रणाओं ने हर रोज़ एक संदिग्ध व्यक्ति को तहकिक़ात के लिए हिरासत में लेना शुरू था। इन आतंकियों ने किसी भी हद तक जाकर हमलें करने की तैयारी की है, ऐसी जानकारी रोली ने इससे पहले ही दी थी।

रोली ने दी हुई जानकारी के अनुसार, सन २०१२ के बाद ब्रिटन में आतंकवादविरोधी ग़िरफ़्तारीसत्र का प्रमाण ५७ प्रतिशत से बढ़ गया होकर, यह काफ़ी बड़ी संख्या है। सन २०१२ से पहले आतंकवादी कारनामों से संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों में युवाओं का समावेश हुआ करता था; लेकिन गत कुछ वर्षों में ‘आयएस’ के बहकावे में आनेवालों में युवतियाँ तथा महिलाएँ एवं अल्पवयीन बच्चों का भी समावेश हो रहा है, यह संदिग्ध व्यक्तियों की हुई गिरफ़्तारी से ज़ाहिर हो रहा है, ऐसा रोली ने कहा।

गत कुछ वर्षों में ब्रिटन के तक़रीबन ८०० युवा सिरिया में ‘आयएस’ के प्रशिक्षण शिविर में सहभागी हुए होने का दावा किया जाता है। इनमें से ‘जिहादी जॉन’ इस आतंकी को मार दिया होने का दावा अमरीका कर रही है। वहीं, कुछ आतंकी, स्थलांतरितों के रेले की आड़ में तुर्की के ज़रिये युरोप में दाख़िल होने के प्रयास में हैं, ऐसा डर व्यक्त किया जा रहा है।

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