अफ़गानिस्तान में हुए आत्मघाती हमले का ज़िम्मा ‘आयएस-खोरासन’ ने स्वीकार किया

काबुल – शुक्रवार दोपहर के समय कुंदूज़ में स्थित प्रार्थना स्थान में विस्फोट हुआ था। इस हमले में लगभग १०० लोग मारे गए थे। इन सभी की हत्या करनेवाले इस हमले का ज़िम्मा ‘आयएस-खोरासन’ ने स्वीकारा है। हमारे ही आत्मघाती हमलावर आतंकी ने इस विस्फोट को अंजाम देने का ऐलान करके ‘आयएस’ ने इस हमलावर का नाम मोहम्मद अल-उघूरी’ बताया हैं। इसके साथ ही यह हमलावर चीन के झिंजियांग प्रांत का निवासी होने की जानकारी भी ‘आयएस’ ने साझा की हैं। तालिबान और कुंदूज़ की जनता चीन के दबाव में उइगरवंशियों को अफ़गानिस्तान से खदेड़ रही हैं। इसी कारण तालिबान के साथ चीन को इशारा देने के लिए ही यह विस्फोट करवाया, ऐसा आयएस ने कहा है।

afghan-kunduz-blast-is-khorasan-2अफ़गानिस्तान के उत्तरी क्षेत्र के कुंदूज़ प्रांत की राजधानी कुंदूज़ शहर शुक्रवार के दिन आत्मघाती विस्फोट से दहल उठा। ‘आयएस-खोरासन’ ने सोशल मीडिया के माध्यम से वहां के शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान पर हुए हमले का ज़िम्मा स्वीकार किया। इस हमले में हुए विस्फोट की तीव्रता और घायलों की स्थिति पर गौर करके स्थानिय यंत्रणाओं ने मृतकों की संख्या बढ़ेगी, यह ड़र जताया है। इस विस्फोट के पीछे ‘आयएस’ होने की बात स्पष्ट होने के बाद अफ़गानिस्तान में दो आतंकी संगठनों के बीछ संघर्ष भड़केगा, यह दावा पश्चििमी समाचार चैनल कर रहे हैं।

आत्मघाती आतंकी चीन के झिंजियांग प्रांत का उइगरवंशी होने की बात सामने आने के बाद ‘आयएस’ और ‘ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मुव्हमेंट-इटीआयएम’ के बीच सहयोग स्थापीत होने की संभावना जताई जा रही हैं। अबतक ‘इटीआयएम’ और तालिबान का सहयोग जारी था। अफ़गानिस्तान के ईशान्य एवं पाकिस्तान के वायव्य क्षेत्र में ‘इटीआयएम’ के आतंकियों का अड्डा मौजूद होने की बात स्पष्ट हुई थी।

लेकिन, बीते कुछ हफ्तों से तालिबान ने चीन के साथ सहयोग स्थापित करने की दिशा में गतिविधियाँ शुरू की हैं। चीन के सहयोग के बदले में ‘इटीआयएम’ के आतंकियों को हमारे हवालें करें, यह माँग भी चीन ने तालिबान के सामने रखी है। इसके बाद ‘इटीआयएम’ के आतंकी तालिबान के खिलाफ जाकर ‘आयएस-खोरासन’ में शामिल होने की संभावना जताई जा रही हैं।

कुंदूज़ में विस्फोट करनेवाला आयएस का आतंकी उइगरवंशी होने की बात उजागर होने के बाद यह सहयोग स्पष्ट तौर पर सामने आया हैं। इस विस्फोट के बाद चीन और पाकिस्तान ने भी अफ़गानिस्तान में स्थित अपने दूतावास और कर्मचारियों की सुरक्षा में बढ़ोतरी करने का दावा किया जा रहा हैं। अमरीका, संयुक्त राष्ट्रसंघ के साथ प्रमुख देशों ने कुंदूज़ के आत्मघाती विस्फोट पर चिंता जताई हैं।

afghan-kunduz-blast-is-khorasan-1इसी बीच, यह घटना होने के कुछ ही देर बाद अमरीका और तालिबान के प्रधानमंत्री कतार की राजधानी दोहा में बातचीत कर रहे हैं। तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद अमरीका की इस संगठन के साथ हो रही है यह पहली चर्चा हैं। इस चर्चा से पहले ‘आयएस’ केआतंकियों ने अफ़गानिस्तान में शुरू किए हमलों का मुद्दा भी तालिबान के साथ सामने उठाया गया हैं।

‘आयएस’ पर कार्रवाई करने के लिए तालिबान अमरीका से सहायता प्राप्त करेगी क्या, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने तालिबान का प्रवक्ता सुहेल शाहिन से किया। तालिबान स्वतंत्र तरिके से आयएस के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं और इसके लिए अमरीका की सहायता नही लेगी, यह शाहिन ने स्पष्ट किया। साथ ही तालिबान के सामने आयएस की बड़ी चुनौती नही हैं, बल्कि वह आम सिरदर्द होने का बयान करके तालिबान हम ‘आयएस’ को ज्यादा कीमत नही देते, यही दिखा रही हैं। लेकिन, असल में तालिबान के नाराज़ गुट ‘आयएस’ में शामिल हुए हैं और यही ‘आयएस’ की खरी ताकत होने की बात सामने आ रही हैं। तालिबान को झटका देनेवाले हमलें करके आयएस-खोरासन ने अपनी ताकत दिखाई हैं। इस वजह से तालिबान को अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण स्थापित करना मुमकिन होगा क्या? यह सवाल किया जा रहा है।

अफ़गानिस्तान तालिबान की हुकूमत आने के बाद अल कायदा, आयएस या अन्य आतंकी संगठन ताकतवार हुई तो अफ़गानिस्तान में अमरीका हवाई हमलें कर सकती हैं, ऐसें संकेत अमरीका के रक्षामंत्री एवं रक्षाबलप्रमुख और सेंटकॉम के प्रमुख ने दिए थे।

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