तुर्की की कार्रवाई और अमरिका की वापसी से सीरिया में ‘आयएस’ के प्रभाव में बढोतरी – अमरिकी रक्षा विभाग ने जारी की चेतावनी

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वॉशिंग्टन/अंकारा/दमास्कस – तुर्की ने ईशान्य सीरिया में की हुई कार्रवाई और सीरिया से अमरिकी सेना की वापसी का इस क्षेत्र में मौजूद आयएस संगठन बडा लाभ उठा रही है| इसी के चलते यह संगठन पश्‍चिमी देशों में हमलें करने की क्षमता दुबारा प्राप्त कर रही है, यह चेतावनी अमरिका के रक्षा विभाग ने दी है| रक्षा विभाग के ‘ऑफिस ऑफ इन्स्पेक्टर जनरल’ इस यंत्रणा ने यह चेतावनी जारी की है| इसमें ‘आयएस’ का भूतपूर्व प्रमुख अल बगदादी के मारे जाने से भी इस संगठन की क्षमता पर कुछ असर नही हुआ है, यह भी चेतावनी में कहा गया है|

तुर्की ने पिछले महीने में ‘ऑपरेशन पीस स्प्रिंग’ नाम से उत्तरी सीरिया में लष्करी कार्रवाई शुरू की है| इस दौरान लडाकू विमान, टैंक की सहायता से कुर्दोंपर जोरदार हमलें किए गए| इसके बाद कुर्दों ने सीरिया के कुछ हिस्से से पीछे हटने का निर्णय किया| ऐसे क्षेत्र पर तुर्की एवं रशिया ने कब्जा किया है| तुर्की की इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर ही अमरिका की सेना भी इस क्षेत्र से बाहर निकली है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सेना को इस क्षेत्र से बाहर निकलने के आदेश दिए थे| पर, इस क्षेत्र से पुरे अमरिकी सैनिक बाहर नही हुए है करीबन ६०० से भी अधिक सैनिक सीरिया में तैनात रहेंगे| इसी बीच सीरिया से हटाए गए सैनिक ‘आयएस’ के विरोध में संघर्ष करने के लिए तैयार रहेंगे, यह बात भी अमरिका ने स्पष्ट की थी|

ऐसा होते हुए भी तुर्की की कार्रवाई और अमरिकी सेना की वापसी का लाभ ‘आयएस’ उठा रही है, यह दावा रक्षा विभाग के रपट में किया गया है| रक्षा विभाग की ही ‘डिफेन्स इंटेलिजन्स एजन्सी’ से प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर यह दावा करने की बात ‘ऑफिस ऑफ इन्स्पेक्टर जनरल’ ने स्पष्ट की है| ‘आयएस’ ने फिर से जमावडा शुरू किया है और यह आतंकी संगठन पूरी क्षमता के साथ कार्यरत हो सकती है, यह इशारा अमरिकी यंत्रणा ने दिया है|

पिछले महीने में तुर्की की कार्रवाई शुरू होने के बाद अमरिका एवं ब्रिटेन के लष्करी अफसरों ने भी ‘आयएस’ के विषय में डर व्यक्त किया था| अन्य किसी भी देश के सहयोग के बिना तुर्की ने शुरू की इस मुहीम की वजह से इस क्षेत्र में ‘आयएस’ का प्रभाव दुबारा बढेगा, यह दावा लष्करी अफसरों ने किया था| उत्तरी सीरिया में कुर्दीश संगठनों के हिरासत में होनेवाले ‘आयएस’ के करीबन ११ हजार आतंकी सक्रिय हो सकते है, इस ओर भी इन अफसरों ने ध्यान आकर्षित किया था|

तुर्की की मुहीम शुरू थी तभी कुछ दिन पहले सीरिया के कुर्दों के वरिष्ठ कमांडर ने ‘आयएस’ के बढते खतरे के बारे मे एहसास कराया था| तुर्की ‘आयएस’ के आतंकियों को सक्रिय होने के लिए सहायता कर रहा है, यह आरोप करके जनरल मझलूम कोबेन ने पश्‍चिमी देशों पर आयएस के हमलें होने का खतरा बढा है, यह इशारा भी दिया था|

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