अफगानिस्तान के काबुल में आयएस के हमले में २९ ढेर मृतकों में ८ पत्रकारों का समावेश

काबुल: सोमवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आयएस ने किए दोहरे आतंकवादी हमले में ८ पत्रकारों के साथ २९ लोगों की जान गई। पिछले हफ्ते में काबुल में आयएस ने किए हमले में ६० लोगों की जान गई थी। हमले की जगह से नाटो का अफगानिस्तान का मुख्यालय, अमरिकी दूतावास, अफगानी राष्ट्राध्यक्ष का निवास स्थान एवं रक्षा मुख्यालय पास होने की वजह से यह हमला खलबली फैलाने वाला ठहरा था।

आयएस के हमले, विस्फोट, शाशदरक, आयएस, चिकित्सा, अफगानिस्तान, अमरिका

सोमवार की सुबह ८ के आस-पास काबुल के शाशदरक में पहला आत्मघाती विस्फोट हुआ। हमलावर मोटर बाइक से आया था। हमले के बाद घटनास्थल से पत्रकार बड़ी संख्या से दौड़ने लगे। पत्रकार एवं फोटोग्राफर ने घटना की जानकारी लेने में व्यस्त थे। उस समय फोटोग्राफर बनकर पहुंचे आत्मघाती आतंकवादी ने दूसरा विस्फोट किया। इस विस्फ़ोट में फोटोग्राफर के साथ ८ पत्रकार ढेर हुए हैं। हमलावरों को माध्यमों को लक्ष्य करना था। हमले में ढेर हुए फोटोग्राफर्स एवं पत्रकार राजधानी काबुल में संघर्षग्रस्त एवं असुरक्षित जगह पर कार्यरत थे।

दौरान इन दोनों आत्मघाती विस्फोट में २९ लोगों की जान गई है और ४५ से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। जख्मियों पर अस्पताल में चिकित्सा शुरू है। विस्फोट के बाद वह इलाका सील किया गया है और हमले की जांच शुरू है। आयएस ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी स्वीकारी है। पिछले २ हफ्ते में आयएस ने दो बार काबुल को लक्ष्य किया है। जल्द ही अफगानिस्तान में चुनाव होने वाले हैं।

इस पृष्ठभूमि पर तालिबान और आयएस इन आतंकवादी संघटनों के अफगानिस्तान में हमले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से अफगानिस्तान के सुरक्षा यंत्रणा के सामने बड़ी चुनौती है।

अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी ने इस आत्मघाती हमले का निषेध किया है। इस मामले में आम नागरिक और पत्रकारों को लक्ष्य करने की बात राष्ट्राध्यक्ष के कार्यालय में प्रसिद्ध कि निवेदन में कही गई है।

तथा अमरिका के अफगानिस्तान में स्थित राजदूत जॉन बास ने इस हमले का निषेध करके अफगानिस्तान की स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए अमरिका अफगानिस्तान की जनता के साथ होने की बात कहकर उन्हें आश्वस्त किया है।

एजेंसी फ्रांस प्रेस के शाह मराई यह छायाचित्रकार पहले आत्मघाती विस्फोट के बाद तत्काल वहा दाखिल हुए थे। पिछले १५ वर्षों से अफगानिस्तान के संघर्षग्रस्त भाग में वह कार्यरत थे, ऐसा एएफपी ने कहा है।

अफगानिस्तान में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए आयएस ने योजनाबद्ध कदम उठाए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान प्रबल है और इस संगठन में रहे असंतुष्ट गुटोंने आयएस में प्रवेश किया है, ऐसी जानकारी दी जा रही है। तथा इराक और सीरिया के साथ खाड़ी देशों में आयएस के विरोध में हो रही कार्यवाही के बाद इस संघटना के आतंकवादी अफगानिस्तान में दाखिल हुए है, ऐसे दावे किए जा रहे थे।

इन वजहों से अफगानिस्तान में आयएस का सामर्थ्य बड़ी तादाद में बढ़ने की चेतावनी अमरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने एवं विश्लेषकों ने दी थी। समय-समय पर भीषण रक्तपात फैलाते हुए आयएस अपने सामर्थ्य का एहसास सारी दुनिया को दिला रहा है। सोमवार को आयएस ने काबुल में किया यह हमला इस श्रृंखला का भाग होने की बात दिखाई दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.