टैंकर के अपहरण पर दक्षिण कोरिया राजनीति ना करे – ईरान की चेतावनी

तेहरान – पर्शियन खाड़ी से अपहरण किए गए अपने टैंकर की रिहाई के लिए दक्षिण कोरिया और ईरान के बीच चर्चा नाकाम हुई है। दक्षिण कोरिया इस मामले में राजनीति ना करे और ईरान की ‘सीज़’ की गई सात अरब डॉलर्स की राशि हमारे हवाले करे, यह माँग ईरान ने की है। इसी बीच अपहरण किए गए टैंकर की रिहाई के लिए दक्षिण कोरिया ने रवाना की हुई विध्वंसक अब होर्मुज़ की खाड़ी के करीब पहुँची है।

south-korea-iranईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने बीते सप्ताह में होर्मुज़ की खाड़ी में यात्रा कर रहे दक्षिण कोरिया के टैंकर पर कब्ज़ा किया था। सौदी अरब के अल-जुबैल बंदरगाह से इथेनॉल लेकर निकला ‘हानकूक चेमी’ नामक इस टैंकर को घेरके ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स के गश्‍त पोतों ने इस पर कब्ज़ा किया और इस टैंकर को ईरान के तट पर पहुँचाया। इस टैंकर ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, यह आरोप भी ईरान ने किया है। इसके साथ ही टैंकर के फोटो जारी करके ईरान ने यह टैंकर बंदार अब्बास बंदरगाह में रखा गया है, यह ऐलान भी किया था।

south-korea-iranदक्षिण कोरिया के इस टैंकर के किए अपहरण का समर्थन करने के लिए ईरान ने पेश की हुई वजह की सच्चाई भी कुछ ही घंटों में सामने आयी थी। अमरीका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की दक्षिण कोरिया के बैंकों में जमा सात अरब डॉलर्स की राशि ‘सीज़’ की गई है। अमरीका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है। ऐसी स्थिति में दक्षिण कोरियन बैंकों में जमा राशि सीज़ होने से ईरान की मुश्‍किलें बढ़ी हैं। ऐसे में दक्षिण कोरिया के बैंकों में सीज़ पड़ी हुई राशि प्राप्त करने के लिए ईरान ने इस टैंकर का अपहरण किया है, ऐसा कहा जा रहा है।

south-korea-iranदक्षिण कोरिया के उप-विदेशमंत्री चोई जाँग-कून ईरान पहुँचे हैं। उनकी इस यात्रा की पृष्ठभूमि पर इस टैंकर पर कब्ज़ा करके बातचीत में अपना प्रभाव बनाए रखने की ईरान की कोशिश है, यह आरोप भी किया जा रहा है। लेकिन, सोमवार के दिन हुई चर्चा में दक्षिण कोरिया कें बैंकों में जमा ईरान की सीज़ राशि और अपहरण किए गए टैंकर की रिहाई करने से संबंधित कोई भी निर्णय नहीं हो सका है।

इसी बीच, ईरान के कब्ज़े से अपने टैंकर को रिहा करने के लिए दक्षिण कोरिया ने इस क्षेत्र में अपनी विध्वंसक रवाना की थी। स्पेशल फोर्सेस से लैस यह विध्वंसक होर्मुज़ की खाड़ी के करीब पहुँची है और इस वजह से ईरान की बेचैनी बढ़ी है, यह दावा भी किया जा रहा है।

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