इस्रायल के हवाई हमलों को ईरान और सीरिया जवाब देंगे

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरदमास्कस: अमरिका ने हमला किया तो इस्रायल को दुनिया के नक्शे से मिटाने की धमकी दे रहे ईरान ने अप और भी आक्रामक भुमिका अपनाई है| इसके आगे इस्रायल ने सीरिया में अपने ठिकानों पर हमला किया तो ईरान और सीरिया एक होकर इस्रायल को जवाब देंगे| ईरान और सीरिया के नेताओं में हाल ही में हुई बैठक में इस संबंधी निर्णय किया गया है|

दो दिन पहले ईरान के शिष्टमंडल ने सीरिया की यात्रा करके राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद से भेंट की थी| इस दौरान ईरानी नेता और राष्ट्राध्यक्ष अस्साद में सामरिक मुद्दोंपर बातीचत होने की जानकारी सीरियन मुखपत्र ने प्रसिद्ध की है| इसमें सीरिया पर हो रहे इस्रायल के हवाई हमलों का मुद्दा आगे रहा था| इस्रायल लगातार सीरिया में हवाई हमलें कर रहा है| सीरिया में ईरान के अड्डे और हिजबुल्लाह के ठिकानों समेत हथियारों के भंडार को इस्रायल लक्ष्य कर रहा है| इन हमलों के कारण सीरिया से भी अधिक ईरान का नुकसान होने की बात कही जा रही है| इस पृष्ठभूमि पर ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्ला खामेनी ने इस्रायल को सबक सिखाने का प्लैन किया है| इसपर अस्साद और खामेनी के प्रतिनिधियों में बातचीत होने की जानकारी सामने आ रही है|

पिछले वर्ष सीरिया में २०० से भी अधिक जगहों पर हमलें करने की बात इस्रायल ने कुछ हफ्तें पहले ही स्वीकारी थी| ‘इस्रायल सीरियन जनता से बैर नही रखता| लेकिन, सीरिया में लष्करी पैर जमाने की कोशिश में होनेवाले और इस्रायल के विनाष के नारे दे रहे ईरान, हिजबुल्लाह और ईरान से जुडी संगठनों के ठिकानों पर इस्रायल के हमलें शुरू रहेंगे’, यह ऐलान इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू इन्होंने किया था|

सीरिया में अतर्ंगत संघर्ष का इस्तेमाल करके ईरान सीरिया में अपने अड्डे बना रहा है| इससे इस्रायल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना है| इस वजह से कुछ भी हो, लेकिन इस्रायल कभी भी सीरिया को ईरान का अड्डा बनने नही देगा, यह इशारा पहले भी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दिया था| इसके लिए इस्रायल सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमलें कर रहा है, यह दावा इस्रायल से होता रहा है|

सीरिया में शुरू अंतर्गत संघर्ष में अस्साद हुकूमत के पक्ष में डटकर खडा रहनेवाला रशिया भी सीरिया में शुरू इस्रायल के हमलें रोक नही सकेगी, ऐसी कडी चेतावनी इस्रायल ने दी थी| इस वजह से सीरिया में अपनी कार्रवाई को इस्रायल सबसे अधिक प्राथमिकता दे रहा है और इसके लिए जरूरत पडने पर रशिया के साथ दो हाथ करने की क्षमता भी रखने का इशारा दे रहा है| इस पृष्ठभूमि पर ईरान ने सीरिया में इस्रायल के हवाई हमलों के विरोध में शुरू की हुई तैयारी नए भयंकर संघर्ष के संकेत देनेवाली साबित होती है|

कुछ दिन पहले ही इस्रायल के प्रधानमंत्री ने सीर्फ इस्रायल ही ईरान से संघर्ष करने के लिए तैयार होने की बात कही थी| ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू के प्रतिनिधि सीरिया पहुंचे होते समय प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किए इस वक्तव्य के पीछे काफी बडा सामरिक संदेश होने की बात अब स्पष्ट हो रही है|

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