ईरान ने ‘युरेनियम मेटल’ का निर्माण शुरू किया – आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग का दावा

व्हिएन्ना/तेहरान/मॉस्को – ईरान ने संवर्धित युरेनियम आयसोटोप के मिश्रण द्वारा ‘युरेनियम मेटल’ का निर्माण कर के परमाणु समझौते की एक और नियम का उल्लंघन किया। आन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने यह जानकारी उजागर की। युरेनियम मेटल का निर्माण यानी ईरान ने परमाणु अस्त्र बनाने की दिशा में उठाया कदम होने का दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं। वही, रशिया ने भी ईरान को इस मुद्दे पर खरी खरी सुनाई। आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने यदि ईरान पर दबाव डालने की कोशिश की, तो ईरान परमाणु अस्त्र का निर्माण करेगा, ऐसी धमकी इरान के गुप्तचर विभाग के मंत्री ने दो दिन पहले दी थी।

iran-uranium-metalआन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग ने जारी की जानकारी के अनुसार, ईरान ने ३.६ ग्रॅम वजन के युरेनियम मेटल का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। युरेनियम मेटल यह कम संवर्धित युरेनियम आयसोटोप के मिश्रण से तैयार होता है। इस्फाहान स्थित प्लांट में ईरान ने युरेनियम मेटल पर काम पूरा किया, ऐसा आयोग ने कहा है। आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने ८ फरवरी को ईरान के परमाणु प्लांट की इन गतिविधियों की जानकारी, परमाणु समझौते में सहभागी होने वाले देशों को बताई थी। लेकिन अभी तक रशिया को छोड़कर, सुरक्षा परिषद के अन्य किसी भी देश ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

iran-uranium-metalरशिया के उपविदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव्ह ने, परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में दी जानकारी पर तीव्र चिंता जाहिर की। ‘ईरान ने अपनी न्यूक्लियर प्रोजेक्ट में किए बदलावों के पीछे का कारण रशिया समझ सकता है। लेकिन वैसा ना करते हुए ईरान संयम बरतें और जिम्मेदारी से फैसला करें , ऐसा आवाहन रिब्कोव्ह ने किया है। रशियन माध्यमों ने भी, ईरान युरेनियम मेटल का निर्माण कर परमाणु हथियार बनाने की कोशिशें शुरू कर रहा है, ऐसा दोषारोपण किया। युरेनियम मेटल का इस्तेमाल न्यूक्लियर प्लांट्स में उर्जा निर्माण के लिए किया जाता है। लेकिन उसी के साथ, परमाणु हथियार बनाने के लिए भी युरेनियम मेटल का इस्तेमाल हो सकता है, ऐसा दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं।

परमाणुऊर्जा आयोग ने की इस घोषणा पर ईरानी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कुछ ही दिन पहले ईरान के गुप्तचर विभाग के मंत्री महमूद अलावी ने अमरीका को धमकाया था। अमरीका के बायडेन प्रशासन ने अगर ईरान पर लगाए प्रतिबंध नहीं हटाएँ और आन्तर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की कोशिश की, तो ईरान भी खुद पर लगाईं मर्यादाओं को ठुकरा देगा और परमाणु हथियारों का निर्माण करेगा। इसके लिए ईरान नहीं, बल्कि प्रतिबंध लगाने वाले देश जिम्मेदार होंगे, ऐसी धमकी अलावी ने दी। इससे यही दिख रहा है कि ईरान खुलेआम परमाणु अस्त्र सिद्धता की धमकी दे रहा है।

iran-uranium-metalईरान के साथ परमाणु समझौता करना है तो अमेरिका का बायडेन प्रशासन पहला कदम उठाएँ। जब तक अमरिका बिना किसी शर्त के परमाणु समझौते में सहभागी नहीं होती, तब तक न्यूक्लियर प्लांट चालू रहेगा, ऐसी धमकियां गत कुछ दिनों से ईरान दे रहा है। इसके लिए ईरान ने बायडेन प्रशासन को २० फरवरी तक की मोहलत दी थी। उसके बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकना मुश्किल होगा, ऐसा ईरान ने डटकर कहा है।

बार बार धमकियां देकर ईरान बायडेन प्रशासन पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है, ऐसा कहा जाता है। बायडेन प्रशासन ने भी पर्शियन खाड़ी में तैनात विमानवाहक युद्धपोत ‘युएसएस निमित्झ’ को वापस बुला कर, ईरान के साथ परमाणु समझौते की तैयारी की है, ऐसा बताया जाता है। ऐसे में परमाणुऊर्जा आयोग ने युरेनियम मेटल के बारे में जारी की जानकारी, बायडेन के प्रशासन को मुश्किल में डालने वाली साबित हो रही है।

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