ईरान एवं रशिया का ‘कैस्पियन सी’ क्षेत्र में युद्धसराव स्थिरता और शांति के लिए यह प्रावधान – ईरान का दावा

Third World Warबर्लिन: ईरान जल्द ही रशिया के साथ कैस्पियन सी क्षेत्र में भव्य नौसेना अभ्यास का आयोजन करने वाला है| यह अभ्यास कैस्पियन सी क्षेत्र में अन्य देशों के हस्तक्षेप को योग्य संदेश देने वाला होगा, ऐसी घोषणा ईरान के नौसेना प्रमुख रिअर एडमिरल होसेन खानजादी ने की है| पिछले वर्ष ईरान एवं रशिया के साथ कैस्पियन सी का भाग होने वाले ५ देशों ने ऐतिहासिक करार पर हस्ताक्षर किए थे| उसके बाद आयोजित होने वाला यह पहला ही संयुक्त नौसेना अभ्यास है|

ईरान एवं रशिया के नौसेना के दौरान होनेवाले संयुक्त अभ्यास में रिहाई एवं बचाव, दांवपेच, चाचागिरी के विरोध में कार्रवाई का समावेश होनेवाला है| आनेवाले समय में यह संयुक्त अभ्यास ईरान एवं रशिया में सामरिक सागरी सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, ऐसे शब्दों में ईरान के नौसेना प्रमुख एडमिरल होसेन खानजादी ने संयुक्त अभ्यास की जानकारी दी है|

ईरान, रशिया, कैस्पियन सी, क्षेत्र, युद्धसराव, स्थिरता, शांति, प्रावधान, दावाकैस्पियन सी भाग में ईरान एवं रशिया के दौरान होनेवाला यह तीसरा संयुक्त नौसेना अभ्यास है| इससे पहले २०१५ एवं वर्ष २०१७ में दोनों देशों में इस प्रकार के सागरी अभ्यास का आयोजन किया गया था| इस कालखंड में दोनों देशों के नौसेना में सहयोग अधिक दृढ़ करने पर जोर दिया जा रहा है| पिछले वर्ष ईरान के नौसेना ने रशिया के ‘मैखाच्काला’ बंदरगाह को भेंट दी थी|

पिछले कुछ वर्षों में सीरिया में शुरू संघर्ष तथा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध इन दो मुद्दों पर ईरान एवं रशिया की नजदीकी बढ़ने की बात सामने आ रही है| रशिया से ईरान को बड़ी तादाद में वित्त तथा रक्षा सहायता की जा रही है| दोनों देशों के रक्षा दलों में होनेवाला अभ्यास उसका भाग होकर खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए रशिया से ईरान के साथ सहयोग का उपयोग होने का दावा विश्लेषकों ने किया है|

उसी समय ईरान अमरिका इस्राइल एवं सउदी के वर्चस्व को चुनौती देने का प्रयत्न भी कर रहा है और इसके लिए रशिया के साथ सहयोग अधिक से अधिक बढ़ाने पर जोर देने की बात दिखाई दे रही है|

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