ईरान ने ट्रम्प प्रशासन के समझौते का प्रस्ताव ठुकराया – यह प्रस्ताव परमाणु करार का उल्लंघन होने की बात ईरान के विदेश मंत्री ने कही है

वॉशिंग्टन/तेहरान: ईरान के साथ परमाणु करार से वापसी करनेवाले अमरिका के ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के सामने समझौते का नया प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव ठुकराने पर ईरान को अमरिका के अधिक कठोर प्रतिबंधों का सामना करना होगा, ऐसी ट्रम्प प्रशासन ने चेतावनी दी है। पर ईरान ने यह प्रस्ताव मतलब सन २०१५ वर्ष के परमाणु करार का उल्लंघन है, ऐसा कहकर यह प्रस्ताव ठुकराया है। यह प्रस्ताव ठुकराकर, यूरोपीय संघ अमरिका की परवाह न करते हुए ईरान के साथ परमाणु करार का पालन करे, ऐसी मांग ईरान ने की है।

प्रतिबंधों की चंगुल में फंसे हुए ईरान ने अपने गतिरोध तोड़ने के लिए ट्रम्प प्रशासन के साथ नया परमाणु करार करें, ऐसा प्रस्ताव अमरिका के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया था। ईरान विषयक समझौते के लिए अमरिका के विदेश मंत्रालय ने नियुक्त किए ब्रायन हुक ने कुछ घंटों पहले एक अभ्यास गट के कार्यक्रम में बोलते हुए, ईरान को यह प्रस्ताव दिया था। साथ ही अमरिका के ट्रम्प प्रशासन को इरान से निजी करार नहीं करना है, ऐसी टिप्पणी करके हुक ने, इससे पहले भी प्रशासन ने ईरान के साथ किए परमाणु करार पर निशाना साधा था।

ट्रम्प प्रशासन, समझौते, प्रस्ताव ठुकराया, परमाणु करार, उल्लंघन, ईरान, विदेश मंत्री, कहीअमरिका के इस नए प्रस्ताव के अनुसार ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के साथ अपना मिसाइल निर्माण भी रोके, ऐसी शर्त रखी गई थी। यह प्रस्ताव ईरान सरकार नहीं स्वीकारेगा, इसकी हमें कल्पना होने की बात हुक ने अपने कार्यक्रम में कही थी। कई गहरे राझ की वजह से ईरान के रोहानी सरकार को ट्रम्प प्रशासन के साथ चर्चा करने में इच्छा नहीं है, इसकी अमरिका को कल्पना है। पर अगर ईरान को परमाणु करार के बारे में समझौता नहीं चाहिए, तो अमरिका ईरान पर अधिक से अधिक कठोर प्रतिबंध जारी करेगा ऐसी चेतावनी हुक ने दी है।

अपेक्षा के अनुसार अमरिका से ईरान को दिए गए इस प्रस्ताव पर ईरान के विदेश मंत्री ने कड़ी आलोचना की है। अमरिका ने परमाणु करार का गलत अर्थ निकाला है। सन २०१५ में हुआ ज्वाइंट कंप्रिहेंसिव प्लान फॉर एक्शन यह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु करार था। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद ने इसे मंजूर किया था, ऐसा कहकर अमरिका का नया प्रस्ताव न स्वीकारने की बात झरिफ ने स्पष्ट की है।

तथा इससे पहले भी परमाणु करार से अमरिका की वापसी यह अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, ऐसा आरोप ईरान के विदेश मंत्री ने किया है। सिवाय अमरिका का नया प्रस्ताव भी मूल परमाणु करार का उल्लंघन करने वाला है। अमरिका के इस नए प्रस्ताव से जागतिक शांति स्थापित नहीं होगी, ऐसा दावा विदेश मंत्री झरीफ ने किया है। इससे पहले भी अमरिका ने यूरोपीय महासंघ द्वारा ईरान को नए समझौते के लिए प्रस्ताव दिया था। तथा अमरिका के इन मांगों को मंजूर करके ईरान नया परमाणु करार करें, ऐसा भी अमरिका ने सूचित किया था। पर अमरिका के ट्रम्प प्रशासन के साथ चर्चा संभव होने की भूमिका ईरान ने स्वीकारी है।

अमरिका ने ईरान पर जारी किया आर्थिक प्रतिबंध अपेक्षा से अधिक प्रभावी साबित हो रहा हैं, ऐसा दावा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने किया था। तथा ईरान को अपनी मांग मंजूर करने के लिए लश्करी विकल्प की आवश्यकता ना होकर केवल आर्थिक गतिरोध की वजह से ईरान ट्रम्प प्रशासन के समझौतों का प्रस्ताव स्वीकार करेगा ऐसा कई अमरिकी अधिकारियों का कहना है। अमरिका के निर्बंधों की वजह से आर्थिक गतिरोध हुए ईरान पर बड़ा दबाव है, फिर भी इस देश की सरकार समझौते के लिए तैयार ना होने की बात विदेश मंत्री से स्पष्ट हो रही है। अमरिका का दबाव ईरान कितने समय तक सह सकता है, यह प्रश्न अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूछा जा रहा है।

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