ईरान परमाणु पनडुब्बी, जंगी जहाज निर्माण करने की तैयारी में – अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग का दावा

व्हिएन्ना: जल्द ही ईरान परमाणु पनडुब्बी का निर्माण करने वाला है और अपने इस फैसले को ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग तक पहुँचाया है। इस परमाणु पनडुब्बी के निर्माण के लिए ईरान संवर्धित युरेनियम का इस्तेमाल कर सकता है, ऐसी संभावना अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा योग ने जताई है। परमाणु पनडुब्बी के निर्माण की घोषणा करके, परमाणु अनुबंध के मुद्दे पर अमरिका और मित्रदेशों के नियमों की चौखट में न फंसने के संकेत ईरान ने दिए हैं।

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संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘परमाणु ऊर्जा आयोग’ (आयएईए) ने हाल ही में एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रसिद्ध की है। पश्चिमी देश और ईरान के बीच हुए परमाणु अनुबंध का कार्यान्वयन शुरू होने के बाद परमाणु ऊर्जा आयोग ने पेश की हुई यह नौवीं रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट की शुरुआत में ही ईरान परमाणु अनुबंध का पालन करा रहा है, ऐसा दावा किया है। लेकिन साथ ही ईरान इस परमाणु अनुबंध की खामियों का फायदा उठा रहा है, ऐसा इशारा भी परमाणु ऊर्जा आयोग ने दिया है।

जनवरी महीने में ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग को भेजे खत में परमाणु तकनीक का इस्तेमाल नौसेना के लिए करने वाले हैं ऐसा कहा है। लेकिन नौसेना के लिए परमाणु तकनीक किस रूप में इस्तेमाल की जाएगी इसकी जानकारी इस खत में नहीं दी गई है। इसके बाद परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान को इसपर अधिक खुलासा करने की सुचना की है। लेकिन पिछले डेढ़ महीने में ईरान ने इस बारे में सूचना नहीं की है।

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सन २०१५ में अमरिका और अन्य पश्चिमी देशों के हुए परमाणु अनुबंध के अनुसार ईरान संवर्धित युरेनियम का भण्डारण नहीं कर सकता है। उसीके साथ ही इस अनुबंध के अनुसार ईरान के मिसाइल निर्माण पर भी प्रतिबन्ध लगाए गए हैं। ईरान का संवर्धित युरेनियम रशिया के रास्ते ईरान के बाहर निकाला जाए, ऐसा सदर अनुबंध में कहा गया था।

लेकिन इस संवर्धित युरेनियम का इस्तेमाल ईरान की नौसेना के लिए करने पर सदर अनुबंध में पाबन्दी नहीं लगाई गई है। इस बात की तरफ ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने अपने खोजकर्ताओं का ध्यान खींचा है। राष्ट्राधयक्ष रोहानी ने सन २०१६ के अंत में परमाणु पनडुब्बी और जंगी जहाजों के निर्माण की सूचना अपने खोजकर्ताओं को की थी। अमरिका के प्रतिबंधों को जवाब देने के लिए परमाणु पनडुब्बी और जंगी जहाजों का निर्माण करने की घोषणा रोहानी ने उस समय सरकारी न्यूज़ चैनल द्वारा की थी।

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ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दो दिनों पहले की हुई घोषणा और महीने पहले परमाणु ऊर्जा आयोग को भेजा हुआ खत इनका सीधा संबंध होने की कड़ी संभावना जताई जा रही है। अमरिका के राष्ट्राधयक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु अनुबंध को लेकर ईरान पर डाले दबाव को जवाब उत्तर देने के लिए ईरान ने आयोग को यह खत भेजा होगा। लेकिन वास्तव में ईरान परमाणु पनडुब्बी अथवा जंगी जहाज निर्माण नहीं करेगा, ऐसा दावा परमाणु ऊर्जा आयोग के कुछ अधिकारी कर रहे हैं।

दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के परमाणु अनुबंध के खिलाफ आक्रामक कदम उठाना शुरू किया है। इस अनुबंध का समर्थन करने वाले ब्रिटन, फ़्रांस और जर्मनी इन अमरिका के मित्र देशों को ट्रम्प ने फटकारने की खबरें सामने आ रहीं हैं। यूरोपीय मित्र देश सदर परमाणु अनुबंध के नियमों में आवश्यक परिवर्तन करें और ईरान को भी इस परिवर्तन के लिए तैयार करें। अन्यथा अमरिका इस अनुबंध से बाहर निकलेगा, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यूरोपीय मित्र देशों को दिया था, इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं।

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