ईरान के मिसाइल से एक भी अरब देश सुरक्षित नहीं है – सऊदी के विदेश मंत्री इशारा

कैरो: ‘ईरान के साथ नरम दिल से पेश आएँगे तो ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल से एक भी अरब देश की राजधानी सुरक्षित नहीं रहेगी’, ऐसा इशारा सऊदी अरेबिया के विदेश मंत्री ‘अदेल अल-जुबैर’ ने दिया है। साथ ही ईरान खाड़ी देशों के व्यवहार में हस्तक्षेप कर रहा है, यह टीका भी जुबैर ने की है। ईरान विषयक चर्चा करने के लिए इजिप्त में ‘अरब लीग’ की तत्काल बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में बोलते समय सऊदी के साथ साथ अन्य अरब देशों ने ईरान और हिजबुल्लाह पर गंभीर आरोप किए हैं।

कैरो में स्थित अरब लीग के मुख्यालय में २२ सदस्य देशों के विदेश मंत्री उपस्थित थे। इस बैठक में बोलते समय सऊदी के विदेश मंत्री ने खाड़ी के अरब देशों में ईरान और ईरान समर्थक गुट अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं, ऐसा कहा है। लेबनोन में हिजबुल्लाह और येमेन में हौथी बागियों का वर्चस्व पडौसी अरब देशों के लिए चुनौती साबित हो सकती है, ऐसा दावा सऊदी के विदेश मंत्री ने किया है। ‘ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों को नजरअंदाज करके खाड़ी में हौथी और हिजबुल्लाह यह आतंकवादी संगठनों जैसे दो एजेंट्स तैयार किए हैं’, ऐसी टीका जुबैर ने की है।

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उसीके साथ ही हौथी बागियों ने सऊदी पर किए मिसाइल हमले की जुबैर ने याद दिलाई है। दो हफ़्तों पहले येमेन से सऊदी की राजधानी पर मिसाइल हमला किया गया था। सऊदी ने ‘पैट्रियट’ इस यंत्रणा की मदद से इस मिसाइल को हवा में नष्ट कर दिया था। इस हमले की पृष्ठभूमि पर, ‘सन २०१५ से हौथी बागियों ने येमेन से ईरानी बनावट के ८० मिसाइल सऊदी पर दागे थे। इसके आगे भी ईरान के साथ नरम दिल से पेश आएँगे तो अरब देशों की राजधानियां ईरान के बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षित नहीं रह सकेंगी’, ऐसा जुबैर ने इशारा दिया है।

ईरान की आक्रामकता बढ़ रही है, ऐसे में अरब देश शांति से नहीं बैठ सकते। ईरान की इस आक्रामकता के खिलाफ समझौता करने के बजाय ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है’, एस आवाहन जुबैर ने किया है। सऊदी ने ईरान के खिलाफ अपनाई इस भूमिका का बाहरिन ने स्वागत किया है। ईरान ने खाड़ी देशों में हिजबुल्लाह जैसा आतंकवादी संगठन तैयार करके अरब देशों की सुरक्षा को खतरे में डाला है, ऐसी टीका बाहरिन के विदेश मंत्री ‘खालिद बिन अहमद अल-खलिफा’ ने की है।

ईरान पर टीका की है, लेकिन ईरान के खतरे का सामना कैसे किया जाए, इस विषय पर ‘अरब लीग में अभी तक एकमत नहीं हुआ है। जल्द ही इस पर अरब लीग फैसला सुनाए, इसके लिए सऊदी और मित्र देश आक्रामक कोशिश कर रहे हैं।

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