परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान के इरादे चिंताजनक – ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की आलोचना

लंदन/बर्लिन – नातांज़ परमाणु प्रकल्प में ‘ऐडवान्स्ड सेंट्रीफ्युजेस्‌’ लगाने के लिए ईरान ने शुरू की हुई गतिविधियां काफी चिंताजनक हैं। ईरान अपने परमाणु प्रकल्प में कर रहा बदलाव वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते का उल्लंघन है। परमाणु समझौते पर दुबारा बातचीत करनी हो तो ईरान को यह सभी गतिविधियां बंद करनी पड़ेंगी, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने दी है।

iran-nuclearईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की गति बढ़ाकर परमाणु वैज्ञानिक फखरीज़ादेह की हत्या का प्रतिशोध लेने की तैयारी की है। ईरान की संसद में बीते सप्ताह में ही परमाणु कार्यक्रम की गति बढ़ाने से संबंधित विधेयक पेश किया गया था। अमरीका ने ईरान के र्इंधन और बैंकिंग क्षेत्र पर लगाए प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है, फिर भी परमाणु प्रकल्प में युरेनियम का संवर्धन बढ़ाने के साथ अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को ईरान के परमाणु केंद्रों में निरीक्षण का अवसर प्रदान करना अब बंद किया जाए, ऐसे मुद्दों का इस विधेयक में समावेश किया गया था।

ईरान की संसद में यह विधेयक पारित हुआ है और राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के हस्ताक्षर के बाद इस पर अमल हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने बीते महीने में ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित पेश किया हुआ रपट काफी चिंताजनक था। इस रपट के अनुसार ईरान ने नातांज़ परमाणु प्रकल्प में ‘ऐडवान्स्ड सेंट्रीफ्युजेस’ पर प्रक्रिया शुरू की है। ईरान द्वारा उठाया गया यह कदम वर्ष २०१५ में किए गए परमाणु समझौते का उल्लंघन है, यह बयान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने किया था।

परमाणु ऊर्जा आयोग की रपट और बीते सप्ताह में ईरान की संसद में पारित विधेयक, इन दोनों गतिविधियों पर ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने सोमवार को चिंता जताई है। यूरोप में ‘ई थ्री’ के तौर पर जाने जानेवाले ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने ईरान के ईरादे काफी चिंताजनक होने की बात कही है। ‘नातांज़ परमाणु प्रकल्प में ऐडवान्स्ड सेंट्रीफ्युजेस के तीन कैस्केड लगाने का ईरान ने किया हुआ ऐलान वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते में तय किए गए शर्तों के विरोध में है’, ऐसी फटकार ‘ई थ्री’ ने लगाई है।

iran-nuclearपरमाणु कार्यक्रम से संबंधित ईरान में जारी इन गतिविधियों का इन तीनों देशों ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। साथ ही ईरान ने परमाणु प्रकल्प में ‘ऐडवान्स्ड सेंट्रीफ्युजेस्‌’ लगाने से यह परमाणु समझौते में निर्धारित मर्यादाओं का उल्लंघन माना जाएगा, इस बात का अहसास यूरोपियन देशों ने कराया है। इसके साथ ही अमरीका के अगले प्रशासन के साथ बातचीत हो तो ईरान को अपना विधेयक पीछे लेना होगा, यह इशारा भी इन यूरोपियन देशों ने संयुक्त निवेदन जारी करके दिया है।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के हाथों में ईरान का पूरा नियंत्रण है। फखरीज़ादेह की हत्या के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम रुकेगा नहीं, यह ऐलान भी खामेनी ने स्वयं ही किया था। साथ ही अन्य वैज्ञानिकों एवं अफसरों को मिलकर ईरान का परमाणु कार्यक्रम गतिमान करने की सूचना खामेनी ने दी थी।

इसी बीच, अमरीका के अगले राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ईरान के सामने अपनी माँगें रखकर नए परमाणु समझौते के लिए आवाहन किया है। लेकिन, ईरान को प्रतिबंधों से मुक्त किए बगैर परमाणु समझौते पर बातचीत संभव नहीं होगी, ऐसी शर्त ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने रखी है।

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