क्रोधित इराकी प्रदर्शनकारियों ने ईरान का दूतावास तीसरी बार जलाया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबगदाद: इराक की जनता में ईरान के विरोध में देखा जा रहा असंतोष दुबारा उपर आ रहा है| इराकी प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार के दिन नजफ शहर में ईरान का दूतावास फिर से जला दिया| इराक में ईरान के दूतावास को आग के हवाले करने की यह तीसरी घटना है| ईरान की गुप्तचर यंत्रणा का खुफिया अड्डा होने की आशंका से यहां पर एक प्रार्थनास्थल को भी प्रदर्शनकारियों ने लक्ष्य किया|

पिछले कुछ वर्षों में इराक की सियासत में ईरान का हस्तक्षेप बढ रहा है और इसके विरोध में इराकी जनता क्रोध व्यक्त कर रही है| इसी के तहेत शुरू हुए प्रदर्शन तीव्र होने पर पिछले हफ्ते में प्रधानमंत्री महदी ने अपने पद का त्यागपत्र पेश किया था| पर, महदी के इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही ईरान की कुदस् फोर्सेस के प्रमुख जनरल कासेम सुलेमानी ने इराक की यात्रा की थी| साथ ही इराक के नए प्रधानमंत्री का चयन करने के लिए ईरान के जनरल सुलेमानी प्रभाव बना रहे है, यह दावा भी होने लगा है|

इस पृष्ठभूमि पर फिर एक बार नजफ शहर में इराकी प्रदर्शनकारियों ने ईरान के विरोध में असंतोष व्यक्त किया| प्रदर्शनकारियों ने यहां पर ईरान के दूतावास में आग लगाई| इससे पहले २७ नवंबर और १ दिसंबर के रोज इराकी जनता ने ईरान के इसी दूतावास को आग के हवाले किया था| पर, मंगलवार के दिन ईरान के दूतावास में आग लगाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने यहां पर ईरान से जुडे अन्य ठिकानों पर भी हमलें किए थे|

इराकी जनता ने नजफ शहर में एक प्रार्थनस्थल को घेर रखा था| इन प्रदर्शनकारियों का हटाने के लिए इराकी पुलिस ने बलप्रयोग किया| पर प्रदर्शनकारियों ने ईरान के विरोध में नारेबाजी जारी रखकर हटने से इन्कार किया| इराक में शियापंथ के धार्मिक नेता मुक्तदा अल सद्र के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने इस प्रार्थनास्थल में प्रवेश करके उसपर कब्जा कनरे का समाचार है| वहां पर ईरान की गुप्तचर यंत्रणा ने अपना ठिकाना बनाने का आरोप स्थानिय लोग कर रहे है|

भ्रष्टाचार, सुविधाओं की कमी, बढती बेरोजगारी और ईरान समर्थक नीति के विरोध में इराकी जनता ने यह प्रदर्शन शुरू किए थे| १ अक्टुबर से शुरू हुए इन सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अबतक ४२० लोगों ने जान गंवाई है और १५ हजार से भी अधिक लोग जख्मीं हुए है| इराकी सेना के साथ ही इराक में मौजुद ईरान से जुडी ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन फोर्सेस’ (पीएमएफ) इस हथियारी गुट ने भी इराकी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने का आरोप हो रहा है| इस वजह से इराकी जनता में ईरान के विरोध में गुस्से की भावना काफी बढ गई है| इसी बीच इराक में हो रहे इन प्रदर्शनों के लिए अमरिका और इस्रायल जिम्मेदार होने का आरोप इराक की सरकार और ईरान कर रहे है|

इस दौरान, इराक के प्रधानमंत्री पद पर शिया पंथीय गुट के मजबूत नेता मुक्तदा अल सद्र को नियुक्त करने की मांग आगे आ रही है| मुक्तदा अल सत्र एक दौर में ईरान समर्थक समझे जा रहे थे| पर, अब उन्होंने ईरान के विरोध में डटकर भूमिका रखी है|

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