पर्शियन खाड़ी में प्रवेश नकारकर ईरान ने अमरीका के हाथ काट दिए – ईरानी संसद के सभापति का दावा

iran-us-persian-gulfतेहरान – ‘अमरीका के गश्तीपोतों को पश्चिम खाड़ी में पर्शियन खाड़ी में प्रवेश नकारकर ईरान ने अमरीका के हाथ काट दिए हैं। ईरान ने अगर ऐसी ही आक्रामकता दिखाई, तो फिर अमरिकी नौसेना को इस क्षेत्र में कभी भी प्रवेश नहीं मिलेगा और अमरीका की गतिविधियों का इस क्षेत्र पर असर भी नहीं होगा’, ऐसी घोषणा ईरान की संसद के सभापति मोहम्मद बाघेर घलिबाफ ने की। साथ ही, इस क्षेत्र के अन्य देश भी अमरीकाविरोधी इस कार्रवाई के लिए ईरान का साथ दें, ऐसा आवाहन घलिबाफ ने किया। दो दिन पहले पर्शियन खाड़ी में ईरान की गश्ती नौकाओं ने अमरीका के गस्ती पोतों के करीब से खतरनाक प्रवास किया था। उसके बाद घलिबाफ की यह प्रतिक्रिया आई है।

सोमवार को पर्शियन खाड़ी के उत्तरी भाग में गश्ती के लिए रवाना हुए अमरिकी नौसेना के ‘युएससीजीसी बॅरानॉफ’ इस जहाज़ से महज़ ६२ मीटर की दूरी पर से ईरान की गश्तीनौका ने प्रवास किया था। थोड़ी देर बाद ईरान की तीन गश्ती नौकाओं ने अमरिकी विध्वंसक के करीब से प्रवास किया था। उसके बाद अमरीका को वार्निंग शॉट्स दागकर ईरानी नौकाओं को चेतावनी देनी पड़ी थी। अमरिकी नौसेना ने इसका वीडियो जारी किया, साथ ही अपने गश्ती पोतों के करीब से ईरान खतरनाक रूप में प्रवास कर रहा होने की आलोचना भी की थी।

इसपर ईरान की संसद के सभापति और राष्ट्राध्यक्षपद के उम्मीदवार घलिबाफ ने अलग ही दावा किया है। ईरान की गश्ती नौकाओं ने पर्शियन खाड़ी के उत्तरी भाग की ओर जानेवाले अमरिकी पोतों का मार्ग रोका, ऐसा घलिबाफ ने कहा है। अपने सागरी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ईरान की नौसेना ने यह कदम उठाया होकर, इसके आगे भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी, ऐसी चेतावनी घलिबाफ ने दी।

iran-us-persian-gulf‘अमरीका और विदेशी युद्ध पोतों की तैनाती के कारण इस क्षेत्र का बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। इन विदेशी पोतों के कारण इस क्षेत्र को होनेवाला खतरा और असुरक्षितता बढ़ी है। विदेशी जहाजों को खदेड़ देने के लिए इस क्षेत्र के देशों को एकत्रित आने की आवश्यकता है’, ऐसा आवाहन घलिबाफ ने किया।

ईरान की संसद के सभापति होनेवाले मोहम्मद बाघेर घलिबाफ ये रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के पूर्व अधिकारी थे। पिछले साल अमरीका के हवाई हमले में मारे गए ईरान के कुद्स फोर्सेस के प्रमुख कासेम सुलेमानी के सहकर्मी और चरमपंथी नेता के रूप में घलिबाफ को देखा जाता है। सन २०१७ के ईरान के राष्ट्राध्यक्षीय चुनाव में रोहानी के विरोध में घलिबाफ ने उम्मीदवारी दाखिल की थी। रिव्होल्युशनरी गार्ड्स का समर्थन होने वाले घलिबाफ इस साल के चुनाव में भी उम्मीदवारी दाखिल करने की गहरी संभावना है।

इसी बीच, पिछले तीन हफ्तों से वियना में परमाणु समझौते पर अमरीका और ईरान के बीच चर्चा शुरू है। इस चर्चा के दौरान, प्रतिबंध शिथिल करने के बारे में बायडेन प्रशासन ने दिया प्रस्ताव ईरान ने ठुकराया होने की खबरें ईरानी माध्यमों में जारी हो रहीं हैं। ऐसे में, पर्शियन खाड़ी में अमरीका के गश्ती पोत के करीब से प्रवास करके ईरान ने बायडेन प्रशासन को चेतावनी दी दिख रही है।

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