ईरान चार दिनों में संवर्धित युरेनियम का निर्माण कर सकता है – ईरान परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख

तेहरान: ईरान पश्चिमी देशों के साथ किए गए परमाणु अनुबंध का उचित तरीकेसे पालन कर रहा है, ऐसा प्रमाणपत्र अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख ‘युकिया अमानो’ ने दिया है। लेकिन अमानो की इस घोषणा को कुछ घंटे भी बीते नहीं हैं, की ईरान सिर्फ चार दिन में ही २० प्रतिशत संवर्धित युरेनियम का निर्माण कर सकता है, ऐसी घोषणा ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख ‘अली अकबर सालेही’ ने कि है। इतने पैमाने पर संवर्धित युरेनियम परमाणु बम के निर्माण के लिए काफी है, ऐसा संकेत भी सालेही ने दिया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष ने ईरान का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष ‘हसन रोहानी’, विदेश मंत्री ‘जावेद झरीफ’ और सालेही से भी मुलाकात की। ईरान का परमाणु कार्यक्रम और परमाणु अनुबंध के मुद्दे को लेकर विवाद भड़क गया है, ऐसे में अमानो का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मुलाकात में अमानो ने पश्चिमी देशों ने ईरान के साथ किये परमाणु अनुबंध का समर्थन किया है। स्वयं ने निष्पक्ष रहकर जाँच की है, ऐसा कहकर इरान ने परमाणु अनुबंध के नियमों का पालन किया है, ऐसा कहा है।

संवर्धित युरेनियमपिछले एक महीने में दूसरी बार अमानो ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन किया है। इसके पहले रोम में हुई बैठक में भी अमानो ने ईरान परमाणु अनुबंध की मर्यादा में है, ऐसा दावा किया था। ईरान ने भी अंतराष्ट्रीय अपना परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण और परमाणु अनुबंध के दायरे में शुरू है, ऐसा कहा था। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख सालेही ने भी अपने देश के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन किया है और अमरिका को इशारा ही दिया है।

‘ईरान ने चाहा तो परमाणु अनुबंध से बाहर निकलकर अगले चार दिन में भी ईरान २० प्रतिशत संवर्धित युरेनियम का निर्माण कर सकता है’, ऐसा सालेही ने अमानो की उपस्थिति में खुलासा किया है। इसके पहले, डेढ़ महीनों पहले ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने ऐसा ही इशारा दिया था। अमरिका ने ईरान पर दबाव बढ़ाया तो ईरान परमाणु अनुबंध से बाहर निकलकर चार दिन में २० प्रतिशत युरेनियम प्राप्त करेगा ऐसा कहा था। पश्चिमी देश साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ, अंतराष्ट्रीय संगठनों ने ईरान की इस घोषणा को गंभीरता से देखना चाहिए, ऐसा आवाहन अमरिका ने किया था।

संवर्धित युरेनियमपश्चिमी देशों के साथ परमाणु अनुबंध करने से पहले ईरान के पास परमाणु बम के निर्माण के लिए आवश्यक २० प्रतिशत से अधिक संवर्धित युरेनियम का भंडार था। ईरान परमाणु बम का निर्माण न करे इस लिए पश्चिमी देशों ने परमाणु अनुबंध करते समय संवर्धित युरेनियम का भंडार नष्ट करने की शर्त ईरान के सामने रखी थी। इसके लिए रशिया ने ईरान की मदद की थी। इस वजह से ईरान अगले कुछ सालों तक परमाणु बम का निर्माण नहीं कर सकेगा, ऐसा दावा किया जाता था। इस वजह से २० प्रतिशत संवर्धित युरेनियम का निर्माण करने के बारे में ईरान के वरिष्ठ नेताओं ने की घोषणा की वजह से राजनितिक तापमान फिरसे गर्म होने की कड़ी संभावना है।

ईरान परमाणु अनुबंध से बंधा नहीं है, ऐसा आरोप अमरिका और इस्राइल कर रहा है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ किये परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा की है। लेकिन अमरिका के यूरोपीय मित्र देश ट्रम्प के निर्णय से सहमत नहीं हैं और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष इस निर्णय से पीछे हटे, ऐसी मांग यूरोपीय देश कर रहे हैं।

दौरान, अमरिका के प्रतिनिधिगृह ने घोषित किये प्रतिबंधों को ईरान ने खुलकर चुनौती दी है। ‘ईरान ने इसके पहले भी मिसाइलों का निर्माण किया था, अभी भी कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा। कोई भी अंतराष्ट्रीय प्रतिबन्ध ईरान के मिसाइल निर्माण को रोक नहीं पाएगा’, ऐसा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने घोषित किया था। उसीके साथ ही ‘आत्मरक्षा के लिए ईरान किसी भी क्षमता के मिसाइल का निर्माण करेगा और आवश्यकता निर्माण हुई तो ईरान इन मिसाइलों का इस्तेमाल भी करेगा’, ऐसा इशारा भी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

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