ईरान ने अमरीका को दिए गए अवसर की खिड़की बंद हो रही है – संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त ईरान के राजदूत का बयान

वॉशिंग्टन/तेहरान – ईरान पर लगाए प्रतिबंध बिना शर्त हटाने के लिए अमरीका को ईरान ने एक अवसर प्रदान किया था। बायडेन प्रशासन के लिए इस अवसर की खिड़की ज्यादा समय तक खुली नहीं रहेगी, यह संदेश भी ईरान ने दिया था। लेकिन, अब अमरीका को दिए गए इस अवसर की खिड़की बंद हो रही है, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त ईरान के राजदूत माजिद तख्त-रवांची ने दिया है। इसके साथ ही परमाणु समझौते के नियमों की ईरान को याद दिला रही अमरीका पहले स्वयं इन नियमों की जाँच करे, यह बात भी ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने सुनाई है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते सप्ताह में सत्ता का नियंत्रण स्वीकारने के मात्र कुछ घंटों बाद ही विदेशमंत्री ज़रिफ ने ईरान पर लगाए सभी प्रतिबंध बिना शर्त हटाने की माँग की थी। यह प्रतिबंद हटाने के साथ ही अमरीका ईरान से नई उम्मीद ना रखे, यह बयान ज़रिफ ने अमरिकी पत्रिका को दिए साक्षात्कार के दौरान किया था। अमरीका के सामने अपनी माँगे रखते समय विदेशमंत्री ज़रिफ ने बायडेन प्रशासन के लिए यह एक अवसर है और इस अवसर की खिड़की ज्यादा समय तक खुली नहीं रहेगी, इस बात का अहसास भी कराया था।

ज़रिफ ने यह इशारा देने के बाद एक हफ्ता बीत चुका है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में ईरान के नियुक्त राजदूत माजिद तख्त-रवांची ने अमरीका के प्रमुख समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान अमरीका को फिरसे अपनी माँगों की याद कराई। ‘अमरीका अपने वचनों का पालन करके ईरान पर लगाए सभी गैरकानूनी प्रतिबंध हटाएगा तभी ईरान वर्ष २०१५ में किए परमाणु समझौते की शर्ते स्वीकारने के लिए तैयार होगा। इस पर अमरीका को शीघ्र ही निर्णय करना होगा। क्योंकि, ईरान ने प्रदान किए हुए इस अवसर की खिड़की बंद होने लगी है’, यह बयान रवांची ने किया है।

इसके साथ ही अमरीका सबसे पहले ईरान विषयक भूमिका में बदलाव करे, यह माँग भी ईरान के राजदूत ने की है। इसके लिए अमरीका के हाथों में सीमित समय है, ऐसा रवांची ने कहा। इस अवसर के बाद ईरान के परमाणु प्रकल्पों का निरीक्षण करने पहुँचनेवाले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को रोका जाएगा, यह बयान रवांची ने किया है। इससे पहले ईरान के नेताओं ने किए हुए ऐलान के अनुसार ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाकर परमाणु समझौता करने के लिए अमरीका और पश्‍चिमी देशों के लिए २१ फ़रवरी तक की अवधि दी गई है।

ईरान के विदेशमंत्री ज़रिफ ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अमरीका पर हमला किया है। ईरान ने वर्ष २०१५ में किए गए परमाणु समझौते का उल्लंघन नहीं किया है और अमरीका ने इस समझौते की मर्यादा का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी ज़रिफ ने किया। ईरान इस परमाणु समझौते में शामिल हो, यह इच्छा हो तो ईरान ने रखी माँगों का अमरीका स्वीकार करे, ऐसा बयान ज़रिफ ने किया है। ईरान ने तय मर्यादा से भी अधिक युरेनियम का संवर्धन करना शुरू किया है। ऐसे में यदि ईरान परमाणु समझौते की मर्यादाओं का पालन करता है तब ही अमरीका बातचीत के लिए तैयार होगी, ऐसी भूमिका अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कुछ घंटे पहले अपनाई थी। इस पर ईरान के विदेशमंत्री ने यह प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

इसी बीच ईरान ने एक महीने से भी कम समय में १७ किलो युरेनियम का संवर्धन किया है, यह जानकारी ईरान की संसद के सभापति मोहम्मद बाघेर कालिबाफ ने साझा की। अगले तीन महीनों के दौरान ईरान नातांज़ परमाणु केंद्र में हज़ार सेंट्रिफ्युजेस लगाएगा, यह जानकारी ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्त बेहरोज कमालवंदी ने प्रदान की है।

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