जागतिक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में जाने संबंधित प्राप्त इशारे के बाद ‘गोल्ड फंडस्’ के निवेश में ४०० प्रतिशत की बढोतरी

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लंदन – जागतिक अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना बढने की चेतावनी दी जा रही है, तभी सोने में हो रहे निवेश में काफी बढोतरी होने की बात सामने आ रही है| ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ ने प्रसिद्ध किए रपट में सोने के आधार पर जारी ‘ईटीएफ’ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंडस्) में हुए निवेश में ४२६ प्रतिशत बढोतरी होने की जानकारी दी गई है| इस वजह से आर्थिक अनिश्‍चितता की पृष्ठभूमि पर निवेशक अब सोने का शाश्‍वत विकल्प के ओर मुडते दिख रहे है|

‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ ने ‘गोल्ड डिमांड ट्रेंडस्’ नाम से एक रपट जारी किया है| इसमें वर्ष २०१९ में रही सोने की मांग और वर्ष २०२० की संभावना की जानकारी रखी गई है| पिछले वर्ष दुनिया भर में सोने की कुल ४,३५५ टन मांग रही| इसमें २,२४० टन के जेवरात और १,०९३ टन गोल्ड बार्स एवं कॉईन्स की मांग रही|

अलग अलग देशों के केंद्रीय बैंकों ने ६५० टन से भी अधिक सोने की खरीद की है| इसमें रशिया, चीन, तुर्की, पोलैंड, कझाकस्तान समेत भारत सबसे आगे रहे| भारत की सेंट्रल बैंक ने अप्रैल एवं अक्टुबर महीने ममें सोने की खरीद की है और सोने का भंडार ६२५.२ टन तक बढाया है| भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की मात्रा छह प्रतिशत सेभी अधिक है और इसका मुल्य २८ अरब डॉलर्स से भी अधिक है| 

वर्ष २०१९ में सोने के आपुर्ति में दो प्रतिशत बढोतरी हुई है| इस दौरान कुल ४,७७६ टन सोने की सप्लाई हुई| इसमें ‘रिसायकल्ड’ सोने का हिस्सा ११ प्रतिशत था, यह जानकारी ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ के रपट में दर्ज है| ‘ईटीएफ-गोल्ड’ की मांग में हुई बढोतरी ध्यान आकर्षित कर रही है|

‘ईटीएफ-गोल्ड’ के जरिए ४०० टन सोने की मांग दर्ज हुई है| वर्ष २०१८ में यह मांग मात्र ७६.२ टन थी| वर्ष २०१९ में इस मांग में ४२६ प्रतिशत बढोतरी देखी गई है| इस बढती मांग के साथ वर्ष २०१९ के अंत में ‘ईटीएफ-गोल्ड’ के जरिए हुई सोने की कुल खरीद २,८५५ टन तक जा पहुंचा है| यह ‘ईटीएफ’ का नया विक्रमी स्तर है, यह दावा ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ ने किया है| 

अमरिका में ‘ईटीएफ’ के जरिए निवेशकों ने कुल २०६ टन सोने की मांग दर्ज की है| वही यूरोपिय देशों से १८८ टन मांग हुई है| दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था और आर्थिक निवेश का केंद्र होनेवाले इस क्षेत्र से वर्ष २०१९ में सोने में हुए निवेश का मुल्य १९ अरब डॉलर्स होने की जानकारी ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ ने साझा की है| सोने के ‘ईटीएफ’ में बढ रहे निवेश के लिए अमरिका की ‘फेडरल रिझर्व्ह’ की नीति और भूराजनयिक घटना कारण होने की बात भी इस रपट में दर्ज की गई है| सोने के बढते दाम भी निवेशकों को प्रोत्साहित करनेवाला साबित हुआ है, यह दावा कौन्सिल कर रही है|

पिछले वर्ष सोने के दाम प्रति औंस (२८.३५ ग्राम) १,५०० डॉलर्स तक जा पहुंचे थे| शुक्रवार के दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम प्रति औंस १,५८३ तक जा पहुंचे| इस उछाल के पीछे चीन के ‘कोरोना व्हायरस’ की बिमारी जिम्मेदार साबित होने की बात कही जा रही है|

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