अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा खतरनाक एवं अराजकता की भंवर में – अमरिका की भूतपूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिझा राईस

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अबू धाबी – जागतिक व्यवस्था की गिरावट शुरू हुई है और अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा खतरे की स्थिति में है एवं अराजकता के भंवर में फंसी दिख रही है| दुसरें विश्‍वयुद्ध के बाद स्थापित की गई व्यवस्था को झटके लगने से यह स्थिति बनी है, यह इशारा अमरिका की भूतपूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिझा राईस ने दिया| इस स्थिति को मुक्त व्यापार की निती के सामने खडी चुनौतियां और आर्थिक सुरक्षा की निती, रशिया और चीन जैसे देश अंतरराष्ट्रीय नियमों का कर रहे उल्लंघन के कारण स्थिति और भी डरावनी बनी है, यह दावा राईस ने किया|

अबू धाबी में आयोजित ‘एडिपेक ऑइल ऍण्ड गैस कान्फरन्स’ में कॉन्डोलिझा राईस का व्याख्यान आयोजित किया गया था| ‘पोलिटिकल रिस्क इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंच्युरी’ के विषय पर बोलते समय राईस ने दुनिया के सामने होनेवाली चुनौतियों की कडी पहचान कराई| दुसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमरिका और मित्रदेशों ने जागतिक स्थिरता और व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की| अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, वैश्‍विक बैंक जैसी वित्तसंस्था इसी दौर में गठित हुई| अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की नींव भी इसी दौरान लगाई गई| इसके पीछे का बुनियादी सिद्धांत विधायक था| हमारा विकास अन्य किसी के भी पतन पर नही होना चाहिए, यह तत्व जागतिक अर्थव्यवस्था खडी करने के पीछे था, ऐसा राईस ने कहा|

पर अब स्थिति में बदलाव हुआ है| वर्ष १९४५ के बाद बनी व्यवस्था के सामने अब काफी बडी चुनौती है| प्रमुख सत्ताओं में हो रहे संघर्ष की वजह से इस जागतिक अर्थव्यवस्था को और अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा को झटके लगने लगे है| इस वजह से जागतिक व्यवस्था की गिरावट शुरू हुई है और अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा घातक और अराजकता के भंवर में फंसी है| इसे प्रमुख देशों में हो रही सत्ता की स्पर्धा और संघर्ष कारण बन रहा है| एक समय पर महासत्ता रही रशिया अभी भी अपना प्रभाव कुछ तादाद में बनाकर है| वही, चीन उभरती शक्ति बना है|

ऐसे देशों के साथ, खास तौर पर चीन के साथ बने संबंध कैसे संभालने है, यह अमरिका के सामने खडा बडा सवाल साबित हुआ है| साथ ही लोकप्रिय निर्णय करने की गलत प्रवृत्ति, तीव्र राष्ट्रवाद, आर्थिक सुरक्षा की वृत्ति, और दुनिया से डटकर दूर रहने की भूमिका ने जागतिक व्यवस्था को झटके लगने शुरू हुए है| इस वजह से नजदिकी समय में स्थिति और भी गंभीर होगी, यह दावा अमरिका की भूतपूर्व विदेशमंत्री ने किया है|

जागतिकीकरण की प्रक्रिया से हमें कुछ भी प्राप्त नही हुआ, यह कहकर इसे विरोध कर रहे कुछ लोग जनता को यह बात समझा रहे है| कुछ मात्रा में उनके कहने में सच्चाई होने की बात दिखाई पडी है और जागतिकीकरण का लाभ उच्च व्यक्ति और उनसे जुडी संस्थाओं को ही प्राप्त हुआ है, यह बात ठुकराना मुमकिन नही| इन मुश्किलों पर जीत हासिल करनी है तो सभी देशों की सरकार को अपनी जनता की उम्मीदें पूरी करने के लिए और भी तीव्रता से कोशिश करनी होगी और तकनीक का लाभ सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए और भी अच्छे विकल्पों का इस्तेमाल करना होगा, यह बात राईस ने स्पष्ट की|

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