क्युबा को अस्थिर बनाना यह अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश – राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कॅनल का आरोप

हवाना/वॉशिंग्टन – क्युबा अस्थिर और ख़तरनाक बना है, ऐसे आशय का चित्र खड़ा करने के पीछे अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश होने का आरोप क्युबा के राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कॅनल ने किया। क्युबा में जारी प्रदर्शन तथा अन्य झूठी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रहीं होकर, यह अपारंपरिक युद्ध का भाग होने का दोषारोपण भी उन्होंने किया। पिछले हफ्ते क्युबा में सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत के प्रशासन के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए गए। सत्ताधारी हुकूमत के खिलाफ हुए ये सबसे बड़े प्रदर्शन बताए जाते हैं।

instability-cuba-1क्युबा की कम्युनिस्ट हुकूमत में देश में चल रहे प्रदर्शनों के विरोध में कार्रवाई की होकर, लगभग ४०० से अधिक लोगों को हिरासत में लिया माना जाता है। सुरक्षा यंत्रणाओं ने की कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई भी बताई जाती है । देश के विभिन्न शहरों में हुए प्रदर्शनों के बाद राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कॅनल ने, इसके पीछे कुछ मात्रा में सरकार के फ़ैसले कारणीभूत होने की कबूली दी थी। लेकिन उसके बाद सरकार ने आक्रामक पैंतरा अपनाते हुए, देश में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाए होकर, अमरीका पर आरोप करना शुरू किया है।

शनिवार को सत्ताधारी हुकूमत ने, सरकार के समर्थन में व्यापक जुलूसों का आयोजन किया था। राजधानी हवाना में आयोजित किए गए जुलूस में राष्ट्राध्यक्ष कॅनल तथा फिडेल कैस्ट्रो के भाई रौल कैस्ट्रो सहभागी हुए थे। इस समय राष्ट्राध्यक्ष ने, क्युबा के प्रदर्शन यह अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश होने का आरोप किया। ‘क्युबा में हुए प्रदर्शनों के बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया आई और कई विदेशी नेताओं ने आलोचना की। यह बात करवाई गई थी। क्युबा में हुकूमत के विरोध में व्यापक बगावत हो रही है, ऐसा झूठा चित्र खड़ा करने की कोशिश हुई’, ऐसा दोषारोपण राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कॅनल ने किया।

instability-cuba-2क्युबा को साइबर युद्ध का लक्ष्य बनाया गया होकर, ‘साइबर टेररिझम’ तथा ‘मीडिया टेररिझम’ का भी इस्तेमाल किया जाने का आरोप क्युबा के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। कुछ दिन पहले रशिया ने क्युबा में हुए प्रदर्शनों के लिए अमरीका को लक्ष्य करते समय, अमरीका क्युबा में ‘कलर रिव्होल्युशन’ करवाने की कोशिश कर रही है, ऐसा दावा किया था । उसी समय, क्युबा में विदेशी ताकतों की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी थी।

दूसरी ओर, अमरीका में क्युबन जनता के समर्थन में व्यापक प्रदर्शन शुरू हुए हैं। व्हाइट हाउस के पास तथा मियामी शहर में क्युबन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ‘फ्रीडम रैली’ का आयोजन किया गया था। इस समय राष्ट्राध्यक्ष बायडेन क्युबा में हस्तक्षेप करें, ऐसे प्लेकार्ड्स भी प्रदर्शित किए गए। सोमवार को क्युबन-अमरिकी नागरिकों के गुट द्वारा बोट रैली का भी आयोजन किया गया होकर, सैकड़ों बोटें क्यूबा के नज़दीकी सागरी क्षेत्र में जानेवालीं हैं, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी।

सन १९५९ में क्युबा में हुई क्रांति के बाद फिडेल कैस्ट्रो के नेतृत्व में कम्युनिस्ट हुकूमत सत्ता में आई थी। अमरीका ने कई बार कैस्ट्रो की हुकूमत का तख्ता पलटने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम रहीं। अमरीका ने क्युबा पर बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। सन २०१५ में तत्कालीन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने, क्युबा पर लगाए प्रतिबंध कुछ हद तक हटाने का फैसला किया था। लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में क्युबा का समावेश आतंकवाद-समर्थक देशों की सूची में करके क्युबा पर नए से प्रतिबंध लगाए गए थे।

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