आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को इस्रायल पर की कार्रवाई की क़ीमत चुकानी होगी – अमरीका की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अधिकार ज़ताकर इस्रायल पर कार्रवाई करने की कोशिश की, तो अमरीका आंतर्राष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय (इंटरनैशनल क्रिमिनल कोर्ट-आयसीस) को क़ीमत चुकाने के लिए मज़बूर करेगी, ऐसी चेतावनी अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दी है। आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही, पैलेस्टिन का ‘सदस्य देश’ के तौर पर स्वीकार करने का निर्णय किया था। इस निर्णय की वज़ह से, इस्रायल के विरोध में कानूनन कार्रवाई करना, पैलेस्टिन के लिए आसान हुआ है, ऐसा माना जा रहा है। पैलेस्टिन को मंजूरी देने की ‘आयसीसी’ की गतिविधियों का अमरीका ने इससे पहले भी विरोध किया था और कार्रवाई की धमकी भी दी थी।

अमरीका के विदेशमंत्री पोम्पिओ ने पिछले हफ़्ते में इस्रायल की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू और अन्य वरिष्ठ नेता एवं अफसरों से बातचीत की। इस दौरान पैलेस्टिन समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई हैं और इसके बाद अमरिकी विदेशमंत्री ने जारी किए हुए निवेदन में आयसीसी को कड़ी चेतावनी दी है।

‘आयसीसी’ यह न्यायालयीन यंत्रणा नहीं हैं, राजनैतिक संस्था है। इस्रायल पर अधिकार जताने की कोशिश से यही वास्तव दोबारा सामने आया है। अमरीका की तरह ही इस्रायल आयसीसी का हिस्सा नहीं हैं। वहीं, पैलेस्टिन आज़ाद देश ना होने के कारण, आयसीसी का सदस्य नहीं हो सकता, ऐसा अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने ज़ोर देकर कहा।

आयसीसी को उसकी सीमाओं का एहसास करवाकर पोम्पिओ ने, यदि न्यायालय ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई की गतिविधियाँ शुरू कीं तो उसें कड़ा विरोध करेंगे, यह भी कहा है। साथ ही, फिलहाल आयसीसी द्वारा उठाये जा रहें कदम बरकरार रहें, तो अमरीका आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को उसकी क़ीमत चुकाने के लिए मज़बूर करेगी, ऐसा कड़ा इशारा भी उन्होंने दिया।

युरोप के हेग शहर में मुख्यालय होनेवाले आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले कुछ महीनों में अमरीका एवं इस्रायल के विरोध में कानूनी कार्रवाई शुरू करने के संकेत भी दिए हैं। अमरीका ने अफ़गानिस्तान में शुरू की हुई मुहीम की जाँच की जाएगी। साथ ही, इस्रायल ने गाजापट्टी एवं वेस्ट बैंक में की हुई कार्रवाई की भी जाँच करने के संकेत दिए गए हैं। इसके विरोध में दोनों देश एक हुए हैं और कुछ महीने पहले ही इस्रायल के एक शिष्टमंडल ने इसी मुद्दे पर मुहीम शुरू करने के लिए अमरीका की यात्रा भी की थी।

अमरीका ने आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को धमकाने की यह पिछले तीन वर्षों में दुसरीं घटना हैं। इससे पहले वर्ष २०१८ में आयसीसी ने इस्रायल के विरोध में कार्रवाई शुरू करने पर अमरीका बड़ी सख़्त भूमिका अपना सकती हैं, यह इशारा ट्रम्प प्रशासन ने दिया था।

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