चीन के क़ायराना हमले की पृष्ठभूमि पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय का भारत को समर्थन

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – अमरीका के विदेशमंत्री ने, भारत की भूमि हथियाने की कोशिश करनेवाला चीन यह ‘बदमाश देश’ होने की कड़ी फ़टकार लगाई। रशिया, जापान, जर्मनी, फ्रान्स और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों ने भी चीन के हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति शोक ज़ाहिर करके अपनी भूमिका स्पष्ट की है।International-community-support-for-India

सोमवार की मध्यरात्रि को चीन ने विश्वासघात करके किए क़ायराना हमले में भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे। भारतीय सैनिकों ने किये प्रतिहमले में चीन के भी कई जवान ढ़ेर हुए थे। गलवान वैली के मुद्दे पर दोनों देशों में चर्चा शुरू थी कि तभी चीन ने यह हमला करने के कारण भारत से बहुत आक्रमक प्रतिक्रिया आयी थी। भारत के विदेशमंत्री ने इस मामले में चीन के कड़े शब्दों में फ़टकार लगाकर, चीन ने जानबूझकर यह हरक़त करने का आरोप किया था। उसी समय, भारत के रक्षादलों ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन सीमा से सटे क्षेत्र में लष्करी तैनाती बढ़ाकर चीन को उचित संदेश दिया।

चीन ने भारतीय सीमा पर की इस हरक़त के बाद अब आंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी भारत के पक्ष में खड़ा होने का चित्र दिख रहा है। अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने, भारत पर हमले के मामले में चीन को बहुत डाँट पिलायी। ‘चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने दुनिया का सबसे बड़ा जनतंत्र होनेवाले भारत के साथ जानबूझकर सीमा पर तनाव निर्माण किया’, ऐसा आरोप अमरीका के विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने किया। इस समय उन्होंने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत का ज़िक्र ठेंठ ‘बदमाश’ ऐसा करके खलबली मचायी।

इस समय अमरीका के विदेशमंत्री ने, चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत अन्य देशों की सहृदयता का नाजायज़ फ़ायदा उठाकर विभिन्न भागों पर कब्ज़ा करने की कोशिशें कर रही है, ऐसा दोषारोपण भी किया। साऊथ चायना सी, हुवेई और कोरोना की महामारी का उल्लेख करके पॉम्पिओ ने, चीन के कुटिल कारनामों का एहसास करा दिया। विदेशमंत्री पॉम्पिओ के साथ ही, विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डेव्हिड स्टीलवेल ने, भारत-चीन विवाद में अमरीका भारत के साथ होने के संकेत दिये।

कुछ दिन पहले अमरीका के विदेशमंत्री और चीन के वरिष्ठ नेता यांग जिएची के बीच हुई बैठक में अमरीका ने, भारतीय सीमा पर चीन ने की हुई ख़ुराफ़ात का मुद्दा उपस्थित किया, ऐसा स्टीलवेल ने कहा। भारतीय सीमा पर निर्माण हुए तनाव बारे में चीन उचित जानकारी दें, ऐसी माँग भी अमरिकी विदेशमंत्री ने की होने का दावा वरिष्ठ अधिकारी ने किया। भारत-चीन विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डेव्हिड स्टीलवेल ने, चीन ने सन २०१५ में भी गलवान वैली में घुसपैंठ करने की कोशिश की थी इसकी याद दिलाई।

अमरीका के बाद रशिया, जापान, जर्मनी, फ्रान्स, ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने भी भारत-चीन तनावापर प्रतिक्रिया दी है। इन देशों ने, चीन के क़ायराना हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति शोक व्यक्त किया है। भारतीय सैनिक अपने कर्तव्य पर अमल करते हुए शहीद हो गये, ऐसा उल्लेख इन देशों ने शोकसंदेश में किया है। दुनिया के प्रमुख देशों ने भारतीय सैनिकों के प्रति व्यक्त कीं हुईं ये भावनाएँ यानी चीन को लगाया तमाचा ही है, ऐसा माना जा रहा है।

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