नेपाल के अंदरुनि मसलों में दखलअंदाज़ी स्वीकार नहीं होगी – नेपाल के विदेशमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन को सुनाया

नई दिल्ली – नेपाल अपनी अंदरुनि समस्या को संभालने के लिए समर्थ है और इसमें बाहरी किसी की भी दखलअंदाज़ी नेपाल को मंजूर नहीं है, ऐसा बयान भारत का दौरा कर रहे नेपाल के विदेशमंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने किया है। बीते महीने में नेपाल में काफी बड़ी राजनयिक उथलपुथल हुई थी। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने संसद भंग करके चुनाव कराने का निर्णय किया था। इस वजह से बेचैन हुए चीन ने अपने नेताओं को नेपाल रवाना किया था। इस पृष्ठभूमि पर भारत दौरे पर पहुँचे ग्यावली ने चीन को अप्रत्यक्ष रूप से लक्ष्य किया है। नेपाल के विदेशमंत्री ने भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस.जयशंकर से भेंट की। भारत और नेपाल के संबंधों के लिए मर्यादा नहीं है, यह बात भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान रेखांकित की।

नेपाल के विदेशमंत्री ग्यावली भारत दौरे पर पहुँचे हैं और नेपाल में की सियासी अस्थिरता की पृष्ठभूमि पर उनका यह दौरा हो रहा है। बीते वर्ष नेपाल ने भारतीय ज़मीन को अपना हिस्सा दिखानेवाला नक्शा जारी करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। लेकिन, वर्ष के अन्त में दोनों देशों के संबंध दुबारा पहले जैसे होने के संकेत प्राप्त हुए थे। भारतीय एजन्सीरॉके प्रमुख और उनके बाद सेनाप्रमुख एवं विदेश सचिव ने नेपाल की यात्रा की थी। इसके बाद नेपाल के विदेशमंत्री के भारत दौरे का ऐलान हुआ था। कुछ दिन पहले ही हम भारत से अपना भूभाग दुबारा प्राप्त करेंगे, यह बयान नेपाल के प्रधानमंत्री ने किया था। उनका यह बयान नेपाल में उनके खिलाफ हो रही आलोचना की तीव्रता कम करने के उद्देश्‍य से होने की बात स्पष्ट हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर नेपाल के विदेशमंत्री भारत पहुँचे हैं।

भारत ने शुक्रवार के दिन ही नेपाल के विदेशमंत्री की इस यात्रा के दौरान सीमा विवाद पर बातचीत नहीं होगी, यह स्पष्ट किया था। इस मसले पर बाद में चर्चा करेंगे, यह बात भारत ने ग्यावली से हुई बातचीत के दौरान स्पष्ट की है, ऐसा वृत्त है। शनिवार के दिन ग्यावली की तीन दिवसीय भारत यात्रा समाप्त हुई। अपनी इस भारत यात्रा के दौरान नेपाल के विदेशमंत्री ने भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर के अलावा अन्य नेताओं के साथ की हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक नहीं हुआ है।

लेकिन, यह दौरा खत्म होने के साथ ही नेपाल के विदेशमंत्री ने चीन पर निशाना लगाया है। नेपाल की अंदरुनि राजनीति में दखलअंदाज़ी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। इस मसले के संबंधित चिंता या सवाल हो सकते हैं। लेकिन, दखलअंदाज़ी नहीं चाहिये, यह बयान ग्यावली ने किया। उन्होंने यह बयान करके अप्रत्यक्ष रूप से चीन को सुनाया है। भारत और चीन के साथ नेपाल के संबंध अच्छे हैं। इन दोनों देशों के नेपाल के साथ होनेवाले संबंधों की तुलना एकदूसरे से ना हो, यह उम्मीद भी उन्होंने व्यक्त की। लेकिन, फिलहाल चीन का नेपाल पर प्रभाव कम हुआ है, यही संकेत इससे प्राप्त हो रहे हैं। 

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