अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों की तीव्रता बढी – हफ्ते के दौरान २३ लोगों की मौत

काबुल: अमरिका और तालिबान के बीच २९ फरवरी के रोज शांति समझौता हो रहा है| कतार में होनेवाले इस समझौती की बडी तैयारी शुरू हुई है और इसके लिए कतार ने पाकिस्तान एवं भारत को भी निमंत्रित किया है| पर, ऐसा होते हुए भी अफगानिस्तान में जारी तालिबान की हिंसा अभी बंद नही हुई है| बुधवार के दिन अफगानिस्तान में तालिबान ने किए हमले में चार लोग और सुरक्षा दल का एक सैनिक मारा गया था| वही, दुसरी जगह पर हुए बम धमाके में दस लोग घायल हुए|

शनिवार के दिन हो रहे शांति समझौते की पृष्ठभूमि पर अमरिका और तालिबान ने सात दिनों के लिए हिंसा कम करने का निर्णय किया था| शुक्रवार देर रात से इसकी शुरूआत हुई| पर, इसके बाद भी अफगानिस्तान में हो रही हिंसा कम नही हुई है| २१ फरवरी से अबतक तालिबान ने अफगानिस्तान में की हुई हिंसा में सुरक्षा दल के १९ सैनिक और चार नागरिक मारे गए है| बुधवार के दिन अफगानिस्तान के चार प्रांतों में तालिबान ने किए हमलों में पांच लोग मारे गए थे| इसी बीच काबुल में किए गए बम धमाके में दस लोग घायल हुए है| इस धमाके की जिम्मेदारी अभी किसी भी आतंकी संगठन ने स्वीकारी नही है| फिर भी इसके पीछे तालिबान होने की कडी संभावना व्यक्त हो रही है|

इसी बीच पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में हुए इन हमलों की जिम्मेदारी तालिबान ने ठुकराई है| अमरिका और तालिबान के बीच शांति समझौता ना हो, इस लिए गुप्तचर यंत्रणा यह हमलें करवाई रही है| पर, तालिबान के कुछ नेताओं ने हफ्तेभर से हिंसा में कमी करने का ऐलान करने मतलब हथियार निचें रखना नही होता, ऐसा कहा था| इससे तालिबान के स्थानिय नेताओं ने ही इस हमले के आदेश जारी किए थे, ऐसी जानकारी सामने आ चुकी है|

हिंसा बंद करने में तालिबान नाकाम साबित हुई तो अमरिका यह समझौता तोड देगी, यह इशारा अमरिकी विदेशमंत्री ने हाल ही में दिया था| पर, अभी तक अफगानिस्तान में हो रहे हमलों को लेकर अमरिका ने अभी स्पष्ट भूमिका अपनाई नही है| पर, अगले दिनों में तालिबान का भीषण हमला होता है तो अमरिका और तालिबान के बीच होनेवाला शांति समझौता भी खतरें में फंस सकता है, ऐसे संकेत अभी से प्राप्त होने लगे है|

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