ईरान के राष्ट्राध्यक्ष और सेना में तीव्र मतभेद

तेहरान, दि. ७ : ‘राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ईरान की सेना जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग पर विवादास्पद और गलत वक्तव्य करके, ईरान की जनता को गुमराह ना करें’ ऐसी चेतावनी ईरान की सेना ने दी| इस चेतावनी के कुछ घंटे पहले ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने सेना की आलोचना की थी| ईरान की सरकार ने बड़े परिश्रम से अमरीका के साथ किया एटमी समझौता तोड़ने के लिए ईरान की सेना ने प्रक्षोभक कारनामे किए, ऐसा इल्ज़ाम राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने रखा था| उसपर ईरान की सेना से यह प्रतिक्रिया आयी है|

‘राष्ट्राध्यक्ष रोहानीफिलहाल ईरान में राष्ट्राध्यक्षीय चुनाव की धूमधाम शुरू है| राष्ट्राध्यक्ष रोहानी भी इस चुनाव में शामिल हुए हैं| शुक्रवार को राजधानी तेहरान में एक प्रचारमुहिम के दौरान राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स’ की आलोचना की| पिछले दो साल में रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने, अमरीका और पश्‍चिमी देशों के साथ किया एटमी समझौता तोड़ने के लिए कोशिशें कीं, ऐसा आरोप रोहानी ने इस समय किया|

सन २०१५ में रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने, बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र जमा कर रखे, ईरान के भूमिगत बेस को वीडियो द्वारा दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था| वहीं, पिछले वर्ष सैनिकी संचालन में रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने, ‘इस्रायल का खात्मा हो’ ऐसी लिखावट वाले प्रक्षेपास्त्र प्रदर्शित किए थे| इन दोनों घटनाओं को बयान करते हुए राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने रिव्होल्युशनरी गार्ड्स की आलोचना की| ‘एटमी समझौते को ठेंस पहुँचाने के लिए ही ये घटनाएँ की गयीं’ ऐसा इल्ज़ाम रोहानी ने रखा| वहीं, ईरान की जनता इस एटमी समझौते के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दे दें, ऐसा आवाहन भी राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने किया|

‘राष्ट्राध्यक्ष रोहानीईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किए इन आरोपों की, ईरान की सेना के प्रवक्ता जनरल ‘मसूद जाझायेरी’ ने तीव्र आलोचना की| राष्ट्राध्यक्ष रोहानी एटमी समझौते का संबंध प्रक्षेपास्त्र सिस्टम से ना जोड़ें, ऐसा जनरल जाझायेरी ने कहा| साथ ही, ‘प्रक्षेपास्त्रों का भंडार बनाये गये भूमिगत गोदामों के अस्तित्व के बारे में दुश्मन देशों को पता चलने देना, यह उन्हें ईरान के खिलाफ कारनामें करने से रोकने के लिए ज़रूरी था’ ऐसा जनरल जाझायेरी ने स्पष्ट किया| ‘इन प्रक्षेपास्त्रों के भंडार के कारण दुश्मन देश ईरान पर हमला करने से पहले सोचेंगे’, ऐसा दावा ईरान के  सैनिकी प्रवक्ता ने किया|

इससे पहले ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी और सेना के मतभेद उजागर हुए थे| राष्ट्राध्यक्ष रोहानी पश्‍चिमी देशों के साथ एटमी समझौता ना करें, ऐसी भूमिका ईरान की सेना ने अपनायी थी| वहीं, इस एटमी समझौते के बाद भी अमरीका ईरानविरोधी नीति नहीं छोड़ेगी, ऐसी चेतावनी रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने दी थी| लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ने इस चेतावनी को अनदेखा करते हुए अमरीका समेत हुए एटमी समझौते को प्राथमिकता दी थी|

इसी दौरान, ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी का समर्थन मिल चुके और पश्‍चिमी देशों के विरोधक ‘इब्राहिम राईसी’ इस चुनाव के शक्तिशाली दावेदार माने जाते हैं| पिछले सप्ताह से ईरान में चुनावप्रचार शुरू हुआ होकर, राईसी ने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी पर हमला बोल किया है|

‘मैं राष्ट्राध्यक्ष बनता हूँ, तो यह एटमी समझौता खारिज़ नहीं होगा| लेकिन इस एटमी समझौते के लिए राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने ईरान को कमज़ोर दिखाया था| इस एटमी समझौते के बाद ईरान पर लदे प्रतिबंध निकाल दिए जाएँगे औ्रर ईरानी जनता के रहनसहन का दर्जा सुधर जाएगा, ऐसे आश्वासन रोहानी ने दिये थे; लेकिन ये आश्वासन खोख़ले साबित हुए’, ऐसी आलोचना राईसी ने की थी| ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनी ने भी रोहानी का समर्थन किया था| इस पृष्ठभूमि पर, राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने की हुई ईरान की सेना की आलोचना और उसपर सेना ने दी प्रतिक्रिया, ईरान में चल रहें अंतर्गत संघर्ष की मिसाल दे रहीं हैं|

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