जम्मू-कश्मीर के पंचायत सदस्यों को २५ लाख की बिमा सुरक्षा

श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर की ग्रामपंचायतों के साथ स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के सदस्यों को २५ लाख रुपयों की बिमा सुरक्षा देने का महत्त्वपूर्ण फ़ैसला प्रशासन द्वारा किया गया है। रक्षा बलों की कार्रवाई के कारण अस्वस्थ हुए आतंकवादी संगठन स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सॉफ्ट टार्गेट के तौर पर निशाना बना रहे हैं। पिछले महीने में एक सरपंच की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर के अन्य सरपंचों के लिए सुरक्षा की माँग की गई थी। इस पृष्ठभूमी पर, पंचायत सदस्यों को २५ लाख की बिमा सुरक्षा देने का फैसला किया गया है।

Jammu-Kashmirउपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में प्रशासकीय समिती की बैठक में बिमा सुरक्षा देने का निर्णय किया गया। सरकार के इस फ़ैसले की वजह से पंचायत सदस्य-सरपंच, पंच एवं ब्लॉक डेव्हलपमेंट कौन्सिल के अध्यक्ष, शहरी स्थानीय संस्थाओं के चुने हुए सदस्यों को बिमा सुरक्षा दी जायेगी।

पिछले महीने में आतंकियों ने अनंतनाग ज़िले स्थित लाकरीपुरा के लूकबवान गाव के सरपंच अजय पंडिता की हत्या की थी। उनकी हत्या के बाद एक और महिला सरपंच को आतंकियों द्वारा धमकाया गया था। साथ ही, एक सरपंच के अपहरण की घटना घटी थी। इसके बाद यहाँ के जनप्रतिनिधियों द्वारा, सुरक्षा देने की लगातार माँग हो रही थी। इस पॄष्ठभूमि पर यह निर्णय किया गया।

स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुने गये सदस्यों को आतंकवादियों से ख़तरा होता है। आतंकवादियों की धमकियाँ और हमलों के बाद भी पंचायत प्रतिनिधि एवं स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के सदस्य काम कर रहे हैं। इस कारण उनमें सुरक्षा एवं विश्वास की भावना दृढ़ करने के लिए यह फ़ैसला महत्त्वपूर्ण साबित होगा। इस वजह से स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र मज़बूत होगा। साथ ही, बिमा सुरक्षा की वजह से उनके परिवार को भी वित्तीय गारंटी मिलेगी, ऐसा जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारी ने कहा।

पिछले कुछ समय में जम्मू-कश्मीर में होनेवाले सभी चुनावों को नागरिकों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिल रहा है। लेकिन इस कारण पाकिस्तान आगबबूला हो रहा है। धारा-३७९ हटाने के बाद और रक्षाबलों की आतंकवादविरोधी कार्रवाई के कारण आतंकी संगठन और अलगाववादियों की हालत ख़राब हुई है। आतंकवादी बड़े पैमाने पर मारे जा रहे हैं। अलगाववादियों के समर्थन में गिरावट आई है। इस हताशा से, आतंकवादी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे होने का दावा कुछ विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है।

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