‘आयएनएस किलटान’ नौसेना में शामिल

विशाखापट्टनम: ‘आयएनएस किलटान’ पूर्णरूप से भारतीय बनावट की अत्याधुनिक विनाशिका भारतीय नौसेना में शामिल की गई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन, नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा और अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों की उपस्थिति में यह समारम्भ संपन्न हुआ। ‘आयएनएस किलटान’ की वजह से देश की सुरक्षा और भी मजबूत बनने का दावा रक्षा मंत्री सीतारामन ने किया है।

कमोर्टा श्रेणी की चार विनाशिकाओं के निर्माण का कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट २८’ के तहत हाथ में लिया गया था। ‘आयएनएस किलटान’ यह इस प्रोजेक्ट की तीसरी विनाशिका है और इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ‘आयएनएस कमोर्टा’ और ‘आयएनएस कदमात’ विनाशिकाएं नौसेना में शामिल हुई हैं। ‘आयएनएस किलटान’ यह देश में निर्माण की गई सबसे अत्याधुनिक विनाशिका मानी जाती है। इस विनाशिका का निर्माण ‘कार्बन फाइबर कंपोजिट मटेरियल’ से किया गया है, जिससे आधुनिक रडार यंत्रणा को भी यह विनाशिका धोखा दे सकती है।

नौसेना‘आयएनएस किलटान’ को नौसेना में शामिल करने से पहले इस विनाशिका पर तैनात किये गए सभी हथियार और यंत्रणाओं का परिक्षण पूरा हुआ है। इस वजह से ‘आयएनएस किलटान’ नौसेना में शामिल होते ही कोई भी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार होने की बात कही जाती है। आनेवाले समय में इस विनाशिका पर कम दूरी हमला करने वाली ‘सैम’ मिसाइल यंत्रणा जोड़ी जाएगी। साथ ही ‘आयएनएस किलटान’ पर हेलीकॉप्टर तैनात किया जाने वाला है।

सर्वसाधारणरूप से विनाशिकों का निर्माण पनडुब्बी भेदी युद्ध के लिए किया जाता है। लेकिन ‘आयएनएस किलटान’ का पनडुब्बी विरोधी युद्ध के साथ साथ अन्य युद्ध के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ‘आयएनएस किलटान’ पर टॉपेर्ड़ो, रॉकेट्स, मध्यम श्रेणी के हमला करने वाली तोपें, मल्टी बॅरेल तोपें तैनात की गई हैं, जिससे इस विनाशिका की हमला करने की क्षमता बहुत ज्यादा है, ऐसा जानकारों का मानना है।

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