भारत-अमरीका के संबंध पहले कभी नहीं थे उतने मज़बूत हुए हैं – अमरीका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – भारत और अमरीका के संबंध, पहले कभी नही थे उतने मज़बूत हुए हैं, यह बयान करके अमरीका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इसपर संतोष व्यक्त किया है। वहीं, भारत में नियुक्त अमरीका के राजदूत केनेथ जस्टर ने, चीन के साथ जारी सीमा विवाद में अमरीका भारत के पीछे ड़टकर खड़ी होने का बयान करके, इस मुद्दे पर भारत को हर तरह की सहायता प्रदान करने के लिए अमरीका तैयार है, यह ऐलान भी किया। इसी बीच, भारतीय नौसेना के लिए लंबी दूरी की तोपें प्रदान करने के लिए अमरीका तैयार होने के समाचार भी प्राप्त हो रहे हैं। चीन की आक्रामकता बढ़ रही होते समय, अमरीका से प्राप्त हो रहें इन संकेतों को सामरिक अहमियत प्राप्त होती है।

‘जैसा यह विश्‍व हैं, उसी तरह से उसे देखने की भारत और अमरीका की कोशिश है। दोनों देश एक-दूसरें की ओर इसी नज़रिये से देखते हैं। महान जनतंत्र, जागतिक सत्ता और मित्र के तौर पर ही भारत और अमरीका एक-दूसरें की ओर देखते हैं। दोनों देशों का सहयोग केवल दोनों देशों का ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र का और पूरे विश्‍व का हित करनेवाला साबित होता है’, ऐसा बयान पॉम्पिओ ने जून २०१९ में किए अपने भारत दौरे में किया था। अपने उसी बयान की याद उन्होंने फिर से ताज़ा कर दी। साथ ही, पहले कभी नही थे इतने भारत-अमरीका संबंध मज़बूत हुए हैं। व्यापार से लष्करी सहयोग के भी आगे ये संबंध गये हैं, यह दावा अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने किया।

भारत और अमरीका के संबंधों को गति प्रदान करने के लिए भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर का काफी बड़ा योगदान रहा है, ऐसा कहकर माईक पोम्पिओ ने इस उपलब्धी के लिए जयशंकर की सराहना की। वहीं, भारत में नियुक्त अमरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने अपनी देश की विदेश नीति में, भारत के साथ जारी सहयोग को असाधारण स्थान होने की बात स्पष्ट की। ख़ासकर लद्दाख की ‘एलएसी’ पर जारी चीन की हरकतें चिंताजनक होने का ज़िक्र करके अमरिकी राजदूत ने, अपना देश भारत के पीछे ड़टकर खड़ा होने का भरोसा दिलाया। भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ये देश ‘क्वाड’ का गठन करके, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की हरकतों को प्रत्युतर देने की तैयारी जुटा रहे हैं, इस बात का अस्पष्ट संदर्भ भी जस्टर ने इस दौरान दिया।

‘फिलहाल इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खड़ी हो रहीं चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए, आवश्‍यक सहयोग की नींव रखना शुरू हुआ है। अगले पाँच वर्षों के दौरान यह सहयोग अधिक से अधिक मज़बूत करना और इस क्षेत्र में मर्यादा रेखा स्पष्ट करना, यह हमारा ध्येय होना चाहिये’, ऐसा बयान अमरिकी राजदूत ने किया है। भारत और अमरीका अपना रक्षा सहयोग पूरे एहसास के साथ विकसित कर रहे हैं और इसके ज़रिये सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की सीमाएँ भी सुरक्षित करने का ध्येय भारत और अमरीका के सामने है, ऐसा दावा राजदूत केनेथ जस्टर ने किया।

भारत और अमरीका के सामने महात्मा गांधी और मार्टिन ल्युथर किंग ज्युनिअर जैसें महान नेताओं का आदर्श है। लेकिन, सभी देश इसी तरह विचार नहीं करतें। कुछ आत्मघात करनेवाली राह पर आगे बढ़ रहें हैं और कुछ देश लष्करी आक्रामकता का विकल्प अपना रहे हैं, ऐसें सूचक शब्दों में राजदूत जस्टर ने, एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान को लक्ष्य किया हुआ दिखाई देता है। इसी कारण भारत और अमरीका अपना रक्षा सहयोग मज़बूत कर रहे हैं, ऐसा दावा राजदूत जस्टर ने किया। भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के – ‘अन्याय का मुकाबला सामर्थ्य बढ़ाकर करें’, इस संदेश का ज़िक्र भी अमरिकी राजदूत ने इस दौरान किया।

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