चरमपंथी विचारधारा और आतंकवाद से भारत-इस्रायल को समान खतरा – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

जेरूसलम – चरमपंथी विचारधारा और आतंकवाद से भारत और इस्रायल के लिए समान खतरा होने का बयान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया है। पांच दिनों की इस्रायल यात्रा पर पहुँचे जयशंकर ने दोनों देशों के सुरक्षा संबंधित सहयोग की अहमियत रेखांकित की और साथ ही दोनों देशों के खतरों का अहसास भी कराया। साथ ही भारत और इस्रायल के बीच अगले महीने से मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरू होगी, यह अहम ऐलान भी जयशंकर ने किया। इस यात्रा में विदेशमंत्री जयशंकर ने इस्रायली विदेशमंत्री के साथ अमरीका और संयुक्त अरब अमीराती के विदेशमंत्रियों से चर्चा होने की बात स्पष्ट हुई है।

चरमपंथी विचारधाराअफ़गानिस्तान में तालिबान की सत्ता स्थापित हुई है और इस वजह से पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद की चुनौती अधिक ही तीव्र होगी, यह दावे किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने इस्रायल का अस्तित्व स्वीकारने से इन्कार किया है और तालिबान ने ही इसका अनुकरण करके हम इस्रायल को स्वीकृति नहीं देंगे, यह ऐलान भी किया है। आतंकवादी एवं चरमपंथी संगठनों से भारत के साथ इस्रायल को भी भीषण खतरा है, इस बात का अहसास कराकर विदेशमंत्री जयशंकर ने दोनों देशों के सुरक्षा सहयोग की अहमियत स्पष्ट की। लोकतंत्र और विविधता पर विश्‍वास रखनेवाले भारत और इस्रायल विश्‍व को अपना घर समझनेवाले देश है, ऐसा जयशंकर ने कहा।

इस्रायल में भारतीय समुदाय को संबोधित करते समय भारत के निर्माण में इस्रायली नागरिकों के योगदान का विदेशमंत्री ने गर्व के साथ ज़िक्र किया। साथ ही भारत और इस्रायल के ऐतिहासिक संबंधों का दाखिला देकर ज्यू धर्मियों के धर्मग्रंथ में भी भारत के साथ संबंध का ज़िक्र है, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा। कोरोना वैक्सीन से संबंधित अनुसंधान का कार्य शुरू होने के दौरान भारत को इस्रायल से अनमोल सहयोग मिला, इस बात की याद भी जयशंकर ने ताज़ा की। लेकिन, क्या यह सहयोग हमें नई उंचाई पर पहुँचाना संभव होगा? यह सवाल करके भारत के विदेशमंत्री ने दोनों देशों के वैज्ञानिकों और छात्रों के संपर्क और सहयोग अधिक मज़बूत करने की आवश्‍यकता स्पष्ट की।

अगले महीने से भारत और इस्रायल के मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरू हो रही है। इसका ऐलान करके विदेशमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया। अगले वर्ष जून तक यह बातचीत पूरी होगी और यह समझौता किया जाएगा, यह विश्‍वास जयशंकर ने व्यक्त किया है। इसी बीच विदेशमंत्री जयशंकर अपनी इस इस्रायल यात्रा के दौरान इस्रायली विदेशमंत्री जेर लैपिड एवं अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन और ‘यूएई’ के विदेशमंत्री शेख अब्दुल बिन ज़ायेद अल नह्यान के साथ वीडियो कान्फरन्स के माध्यम से बातचीत करेंगे। यह जानकारी इस्रायल के विदेश मंत्रालय ने साझा की।

भारत, इस्रायल, अमरीका, और यूएई का यह सहयोग यानी एशिया के नए ‘क्वाड’ का निर्माण होगा, ऐसे दावे कुछ लोगों ने किए हैं। वर्ष २०२० में इस्रायल ने संयुक्त अरब अमिरात एवं खाड़ी क्षेत्र के अन्य कुछ देशों के साथ अब्राहम समझौता किया था। इस वजह से खाड़ी देश इस्रायल के करीब पहुँचे हैं और खाड़ी क्षेत्र में बड़ी उथल पुथल करनेवाली यह घटना साबित हुई है। इस वजह से खाड़ी क्षेत्र की स्थिति और गति बदल रही हैं और ऐसे में इस क्षेत्र में भारत की भूमिका अधिक अहम हुई है। इस्रायल के राजनीतिक अधिकारी यह दाखिला दे रहे हैं और भारत का इस क्षेत्र में प्रभाव काफी बढ़ने के स्पष्ट संकेत देनेवाली घटनाएँ भी सामने आ रही हैं।

ऐसी स्थिति में इस्रायल, अमरीका, यूएई के विदेशमंत्री के साथ भारतीय विदेशमंत्री की हो रही यह चर्चा ध्यान आकर्षित करती है। खास बात तो यह है कि, इस्रायल के कट्टर बैरी ईरान के साथ भी भारत के अच्छे संबंध हैं और इस तरह दोनों देशों से समान रूप अच्छे संबंध रखनेवाला भारत अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाए हुए है। यह बात अगले दिनों में भारत का प्रभाव अधिक बढ़ानेवाली साबित होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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