रशिया के प्रतिबन्धता पर अमरिकी प्रशासन से अंतर्गत विरोध के संकेत

वॉशिंगटन / माँस्को: अमरिका के संसद ने रशिया विरोधी प्रतिबन्ध प्रस्ताव को मान्यता दी है पर राष्ट्रपति ट्रम्प एवं नजदीकी नेताओ में नाराजगी फ़ैल गयी है। अमरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने इसपर खुलकर प्रतिक्रिया देते हुए स्वयं को तथा राष्ट्रपति ट्रम्प को रशिया पर प्रतिबन्ध जारी करना सही नहीं लग रहा है। उपराष्ट्रपति माइक पेन्स के अनुसार रशियन प्रतिबन्धता पर संसद और राष्ट्रपति ट्रम्प एकही सुर में बोलने के संकेत है। प्रशासन के वरिष्ठ नेताओ के रशिया पर किये विधानों की वजह से संसद में अंतर्गत मतभिन्नता खुलकर लोगों के सामने आयी है।

रशिया विरोधी प्रतिबन्ध

अमरिका और रशिया के संबंध बहुत ही तनावपूर्ण हुए है। पिछले हफ्ते अमरिकी संसद ने रशिया विरोधी प्रस्ताव मंजूर करने के बाद परिस्थिती और ज्यादा बिगडती दिखाई दी। इस कृति की वजह से दोनो देशों के सहकार्य की सम्भावना कम होती दिखाई दे रही है। राष्ट्रपति ट्रम्प और मुझे रशिया पर लगा प्रतिबन्ध मंजूर नहीं इन शब्दों में विदेशमंत्री टिलरसन ने कांग्रेस के निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की। दो परमाणु देशों के बीच अच्छे संबंध रहे यह अमरिकी जनता चाहती है यह दावा विदेशमंत्री ने किया।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने रशिया प्रतिबन्ध का प्रस्ताव मंजूर किया है और वे जल्द ही उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे यह खब़र विदेशमंत्री ने दी। टिलरसन का रशिया के प्रतिबन्ध पर नाराजगी का सुर लगते समय उपराष्ट्रपति पेन्स ने आक्रामक भूमिका ली। पेन्स फ़िलहाल पूर्व युरोप के दौरे पर है। इस दौरे में अमरिका की रशिया पर की गयी कारवाई यह रशिया को योग्य सन्देश देने की कारवाई होने का विधान किया है।

राष्ट्रपति ट्रम्प और संसद ने रशिया को सहमति से कड़े शब्दों में संकेत दिए है। अगर प्रतिबन्ध से दूर रहना है तो उसके कारणों पर सोच विचार करके, उनमे सकारात्मक बदलाव लाना होगा यह सुझाव पेन्स ने दिया। संसद ने मंजूर की प्रतिबन्धता यह पूर्व युरोप के संप्रभूता और स्वतंत्रता के प्रति व्यक्त हुई वचनबद्धता है यह दावा पेन्स ने किया। राष्ट्रपति ट्रम्प जल्द ही प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे यह बयान उपराष्ट्रपति पेन्स ने दी।

उपराष्ट्रपति पेन्स और विदेशमंत्री टिलरसन ने किये बयान से अमरिकी प्रशासन के अंतर्गत मतभेद खुलकर जनता के सामने आयी है। अमरिकी संसद ने रशिया के खिलाफ़ प्रस्ताव में राष्ट्रपति ट्रम्प अपना नकाराधिकार का उपयोग न कर पाए यह प्रावधान किया था। इस वजह से राष्ट्रपति ट्रम्प और निकटवर्ती नाराज है।

अमरिकी संसद रशिया के मुद्देपर आक्रामक और कायम है यह दिखाने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प पर दबाव लाते हुए प्रतिबन्धता के प्रस्ताव पर उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए विवश करने की बात सामने आयी। विदेशमंत्री टिलरसन ने इस बात को समर्थन दिया।

साथ ही अमरिकी संसद में रशिया विरोधी समूह आक्रामक हो गया है और उन्हें राष्ट्रपति ट्रम्प की रशिया विषयक नीती मंजूर नहीं। यह समूह लगातार राष्ट्रपति ट्रम्प पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है और संसद में रशिया विरोधी प्रस्ताव को मिली मंजूरी यह उनके प्रयत्नों को प्राप्त सफ़लता मानी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.