सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का कार्यकाल शुरू

संयुक्त राष्ट्रसंघ – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के सदस्यदेश के रूप में, भारत का दो सालों का कार्यकाल शुरू हुआ है। आन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा से जुड़ीं अहम बातों पर फ़ैसलें करनेवाली सुरक्षा परिषद में भारत को इस समय मिला स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण साबित होता है। दुनिया का सबसे बड़ा जनतंत्र होनेवाला भारत जनतंत्र, मानवाधिकार और विकास इनका पुरस्कार करेगा, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत टी. एस. तिरूमुर्ती ने कहा है। वहीं, भारत को मिली सुरक्षा परिषद की सदस्यता का फ्रान्स के भारत में नियुक्त राजदूत ने स्वागत किया। साथ ही, भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलें, ऐसी उम्मीद फ्रान्स के राजदूत ने व्यक्त की है।

भारत के साथ वियतनाम, ट्युनिशिया, इस्टोनिया, नायजेर और सेंट विंसेंट इन देशों को सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता मिली होकर, उनका कार्यकाल शुक्रवार से शुरू हुआ है। इससे भारत आठवीं बार भारत सुरक्षा परिषद में आया होकर, सन २०२१ के अगस्त महीने में भारत सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनेगा। सन २०२२ में फिर एक बार भारत के पास सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद आयेगा। दुनिया का सबसे बड़ा जनतंत्रवादी देश इस नाते भारत जनतंत्र, मानवाधिकार तथा विकास इन मूलभूत सिद्धान्तों का पुरस्कार करेगा’, यह राजदूत तिरूमुर्ती ने स्पष्ट किया। महत्त्वपूर्ण विषयों पर सहमति नहीं होती, इसलिए फ़ैसला प्रलंबित होता है; इसे टालने के लिए भारत पहल करेगा, यह बात तिरूमुर्ती ने जतायी।

‘सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यदेश होनेवाले ‘पी-५’ तथा अन्य सदस्यदेशों में जारी झगड़ों को मद्देनज़र रखते हुए, भारत बहुत ही उचित समय पर सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है’, ऐसा मार्मिक बयान तिरूमुर्ती ने किया है। इसी बीच, पिछले कुछ सालों से भारत, संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का विस्तार किया जायें, ऐसी माँग कर रहा है। इसके लिए आवश्यक होनेवाले संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुधारों के लिए भारत ने ज़ोरदार आग्रह रखा था। अमरिका, रशिया, ब्रिटन, फ्रान्स इन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था। लेकिन चीन का भारत की स्थायी सदस्यता को विरोध है। मग़र आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का महत्त्व अधिक से अधिक बढ़ता चला जा रहा है। ऐसे में, चीन बहुत समय तक भारत की स्थायी सदस्यता को रोक नहीं सकेगा, ऐसा राजनयिकों का कहना है।

फ्रान्स के भारत में नियुक्त राजदूत इमॅन्युअल लॅनियान की प्रतिक्रिया से यह बात फिर एक बार सामने आयी है। भारत की अस्थायी सदस्यता का स्वागत करते हुए राजदूत लॅनियान ने, आनेवाले समय में भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलें ऐसी उम्मीद व्यक्त की।

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