भारतीय बनावट के सुपरसॉनिक ‘एएडी इंटरसेप्टर’ का परीक्षण

बालासोर, दि. १ : कम उँचाई से आनेवाले किसी भी बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का हमला निष्प्रभ करनेवाले, भारतीय बनावट के सुपरसॉनिक ‘इंटरसेप्टर’ का भारत द्वारा किया गया परीक्षण सफल रहा| तीन हफ्ते पहले अधिक उँचाई से आनेवाले बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को हवा में ही लक्ष्य कर सकनेवाले ‘पृथ्वी डिफेन्स व्हेईकल’ (पीडीव्ही) इंटरसेप्टर का परीक्षण किया गया था| इससे भारत की हवाई सुरक्षा अधिक से अधिक मज़बूत बनती जा रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

सुपरसॉनिकभारत का ‘बॅलेस्टिक मिसाईल डिफेन्स कार्यक्रम’ द्विस्तरीय होते हुए, ऍडव्हान्स एअर डिफेन्स (एएडी) द्वारा कम उँचाई से आनेवाले बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को लक्ष्य बनानेवाले ‘इंटरसेप्टर’ रॉकेट ‘भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ’ ने विकसित किया है| वहीं, पृथ्वी डिफेन्स व्हेईकल (पीडीव्ही) यह इंटरसेप्टर ज्यादा उँचाई से आनेवाले बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है| बुधवार के दिन हुआ परीक्षण ‘एएडी’ इस ‘इंटरसेप्टर’ का था|

सुबह १०.१० को यह परीक्षण हुआ| ओडिशा के चांदीपुर से ‘इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज’ से प्रक्षेपित किये गये ‘पृथ्वी’ इस बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को, अब्दुल कलाम द्वीप से (व्हिलर आयलैंड) दागे गये ‘इंटरसेप्टर’ ने सही तरीके से निशाना बनाया| इस परीक्षण द्वारा ‘एएडी इंटरसेप्टर’ की क्षमता सिद्ध हुई है, ऐसे डीआरडीओ के अधिकारी ने कहा| ‘एएडी इंटरसेप्टर’ यह ७.५ मीटर का रॉकेट होते हुए उसके साथ आधुनिक नेव्हिगेशन सिस्टीम जुडा हुआ है| इलेक्ट्रो ऍक्टीवेटर और हायटेक गायडेड यंत्रणा की मदद से इस ‘इंटरसेप्टर’ को ज़रूरी जानकारी दी जाती है| रडार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार दिये जानेवाले निर्देश मिलते ही, ‘इंटरसेप्टर’ दुश्मनों के बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को बराबर से निशाना बनाता है| इससे पहले, पिछले साल १५ मई के दिन इस ‘एएडी इंटरसेप्टर’ का परीक्षण किया गया था| वहीं, पिछले महीने में पीडीव्ही ‘इंटरसेप्टर’ का सफल परीक्षण करके, भारत अपने हवाई क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए तेज़ी से कोशिश करेगा, ऐसे स्पष्ट हुआ है|

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रालय ने इस्रायल के साथ ‘एमआर-सॅम’ यह मध्यम फ़ासले का प्रक्षेपास्त्र विकसित करने के लिए १८ हज़ार करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंज़ुरी दी है| साथ ही, उँचाई पर के कई लक्ष्यों को एक ही समय निशाना बनानेवाली ‘एस-४००’ यह प्रक्षेपास्त्रविरोधी यंत्रणा रशिया से ख़रीदने के लिए भारत कोशिश कर रहा है| इनके अलावा ‘एअरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग ऍन्ड कन्ट्रोल’ (एईडब्ल्यूऍण्डसी) यह यंत्रणा भारत ने विकसित की होकर, इसके अलावा डीआरडीओ अब इससे भी आधुनिक ‘एईडब्ल्यूएसीएस’ अर्थात अवॅक्स यंत्रणा विकसित कर रहा है|

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